पिता पुत्र के कमज़ोर रिश्तों के कारण टूट सकती है समाजवादी पार्टी

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उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का घमासान कम होने का नाम नहीं ले रही है। सीएम अखिलेश के 3 नवंबर को चुनाव प्रचार के ऐलान के बाद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के सभी नेताओं की बैठक बुलाई है। मुलायम ने 24 अक्टूबर को सपा के सभी विधायक, MLC, पदाधिकारी, सभी सांसद , सभी पूर्व सांसद , सभी पूर्व विधायक को बैठक में बुलाया है।

इस बीच मुलायम ने कहा है कि मैं,शिवपाल और अखिलेश ने आज और कल बैठकर मुद्दों पर चर्चा किए। मुलायम ने कहा कि मेरे पास अखिलेश की चिट्ठी नहीं है अगर अखिलेश ने यात्रा का जिक्र किया है इसपर पार्टी की बैठक में तय कर लिए जाएगा। पार्ठी में कोई जिक्र नहीं है। सपा परिवार की तरह है और इसमें कोई टूट नहीं होगी।

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इससे पहले तीन नवंबर से शुरू होने वाली समाजवादी पार्टी की रथ यात्रा की शुरुआत अखिलेश यादव अकेले ही करेंगे। इसको लेकर अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी भी लिखी है। पांच नवंबर को पार्टी का रजत जयंती समारोह है। इससे पहले एक इंटरव्यू में अखिलेश यादव ने कहा था कि उन्होंने बचपन में अपना नाम खुद ही रखा था और वो प्रचार भी अकेले करेंगे। चाचा शिवपाल के साथ शुरू हुई ये लड़ाई अब बाप-बेटे तक जा पहुंची। पार्टी के इस लड़ाई ने विरोधियों को चुनाव से पहले निशाना साधने का एक अच्छा मौका दे दिया है। यूं कहे कि विरोधियों को अगर घर बैठे एक मुद्दा मिला तो गलत नहीं होगा। देखना होगा बाप-बेटे की यह लड़ाई कहां तक पहुंचेगी।

 

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