सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय के वकील तैश में आए तो सहारा के जेल जाने की नौबत आई, माफी मांगने पर मिली मोहलत। जाने पूरी खबर…

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नई दिल्ली- सहारा समूह के चीफ सुब्रत रॉय सहारा के फिर जेल जाने की नौबत आ गई। शुक्रवार सुबह सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील राजीव धवन तैश में आ गए। इस पर पैरोल रद्द करते हए कोर्ट ने सुब्रत के साथ ही सहारा के दो डायरेक्टर अशोक रॉय चौधरी और रविशंकर दूबे को तरंत जेल भेजने के आदेश दे दिए। आनन-फानन में डैमेज कंट्रोल शरू हुआ। बुखार से तप रहे सीनियर वकील कपिल सिब्बल तुरंत कोर्ट पहुंचे। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर से माफी मांगी। धवन को केस से भी हटा लिया। इस पर चीफ जस्टिस ने सुब्रत को 30 सितंबर तक सरेंडर करने की मोहलत दे दी। बता दें कि अपनी मां के निधन के बाद 6 मई में वह तिहाड़ जेल से बाहर आए थे। सुबह-सुबह कोर्ट में ऐसे बिगड़ी बात 

 चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, जस्टिस एआर दवे और जस्टिस एके सीकरी की बेंच से सुब्रत राय ने पैरोल 30 सितंबर तक बढ़ाने की अपील की। कोर्ट ने 300 करोड़ रुपए जमा करवाने को कहा।

सहारा के वकील राजीव धवन: ”यह संभव नहीं है। पिछली बार 352 करोड़ रुपए जमा करवाए थे। 52 करोड़ रुपए ज्यादा।” 

सेबी के वकील प्रभात वेणुगोपाल: ”सहारा की 58 में से आठ प्रॉपर्टी 137 करोड़ रुपए में नीलाम की गई। इनमें से पांच अस्थायी रूप से कुर्क हैं। तीन ही फ्री हैं। नीलामी के लिए मिली लिस्ट में से ज्यादातर प्रॉपर्टी पहले ही इनकम टैक्स विभाग ने कुर्क कर रखी है।”

धवन: ”सुनवाई 30 सितंबर तक टाल दी जाए। हम तभी अपना पक्ष रखेंगे। वैसे सेबी ने सहारा को प्रॉपर्टी बेचने की प्रॉसेस में शामिल नहीं किया था।”

तैश में दिए गए इस जवाब पर चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर नाराज हो गए। कहा- “एक तो आप अटैच प्रॉपर्टी की लिस्ट दे रहे हैं। ऊपर से सहयोग नहीं कर रहे। पहले आप जेल जाइए। हमें क्या करना है, यह मत बताइए। सबको हिरासत में ले लिया जाए।” 

डैमेज कंट्रोल के लिए पहुंचे सिब्बल

 दोपहर को रॉय ने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी। इसके बाद वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट के सामने दोबारा अर्जी लगाई।
इस पर चीफ जस्टिस ने कहा है कि बेंच जजों से बात कर सुनवाई पर विचार करेगी।

सिब्‍बल ने कोर्ट से कहा, ”गलती के लिए माफ करें और ऐसा अब दोबारा नहीं होगा।”

धवन बोले- गलती नहीं की, माफी क्यों मांगूं?

सुब्रत के वकील राजीव धवन ने कहा, ”चीफ जस्टिस की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण और निर्दयी थी। कोर्ट रूम में जो हुआ, उसके लिए मैं माफी नहीं मांगूंगा।”

”मेरी गलती नहीं है। वकील किसी हलफनामे पर जवाब देना चाहता है, महज इस आधार पर पैरोल रद्द करना नाइंसाफी है।”

”ऊंचे पदों पर बैठे लोगों के पास बहुत ज्यादा शक्तियां होती हैं। पर उन्हें सहनशीलता के साथ इनका प्रयोग करना चाहिए।” 

कोर्ट ने कहा था- पैसे आसमान से नहीं गिरते

3 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप के 25 हजार करोड़ रुपए इन्वेस्टर्स को लौटाने के दावे पर सवाल उठाए थे और रकम का सोर्स पूछा था।  

तब कोर्ट ने कहा था, ”आप बताएं, पैसे का सोर्स क्या है? क्या आपने दूसरी कंपनियों से पैसा लिया या अन्य स्कीम्स से पैसे जुटाए? क्या बैंक अकाउंट से पैसे निकाले? आपके पास यही तीन रास्ते हो सकते हैं। पैसा आसमान से तो आया नहीं होगा। ये बात हजम नहीं होती।”

सहारा क्यों गए जेल? 

बता दें कि सहारा चीफ को दो अन्य डायरेक्टर दुबे और रॉय चौधरी के साथ 4 मार्च, 2014 को जेल भेजा गया था।

 उन्होंने 2012 में इन्वेस्टर्स के 17 हजार करोड़ रुपए 15% ब्याज के साथ लौटाने के आदेश को नहीं माना था।

सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप को ब्याज समेत कुल 36 हजार करोड़ रुपए इन्वेस्टर्स को लौटाने को कहा था।

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