आसमान से धरती पर उतरा राफेल,

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5 विमानों के बैच में सबसे पहले विमान को वायुसेना की 17वीं गोल्डन एरो स्क्वॉड्रन के कमांडिंग ऑफिसर और शौर्य चक्र विजेता ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह ने लैंड करवाया। पीछे-पीछे 4 अन्य राफेल लैंड हुए।  उनकी पत्नी भी एयरफोर्स में ही विंग कमांडर हैं। फिलहाल अंबाला में ही तैनात हैं। 
फ्रांस से राफेल लेकर आए विंग कमांडर मनीष सिंह के बलिया स्थित बांसडीह क्षेत्र के गांव बंकवा में बुधवार को खुशी का माहौल था। गांव में मिठाइयां बांटी गईं। चचेरी बहन अंजलि ने कहा कि आज भैया ने मुझे राखी बंधवाने से पहले ही गिफ्ट दे दिया। पिता ने कहा कि आज बेटे ने सीना चौड़ा कर दिया है।
फ्रांस से राफेल लेकर आने वालों में मैनपुरी के मोहल्ला देवपुरा निवासी पूर्व सैनिक दुखहरण सिंह के सबसे छोटे पुत्र स्क्वॉड्रन लीडर दीपक चौहान एनडीए परीक्षा पास कर वायुसेना में शामिल हुए थे। इससे पूर्व अपनी ट्रेनिंग के दौरान दीपक चौहान ने मिग-21, जगुआर को भी उड़ा चुके हैं। दीपक चौहान वर्ष 2012 में स्क्वॉड्रन लीडर बने। 
राफेल को फ्रांस से भारत लाने वाले पायलटों में हरदोई के विंग कमांडर अभिषेक त्रिपाठी भी हैं। अभिषेक हरदोई जनपद के संडीला कस्बे के मोहल्ला बरौनी के निवासी हैं। संडीला निवासी अनिल त्रिपाठी जयपुर में रहते हैं। भारत ने जब राफेल डील की थी तो राफेल उड़ाने के लिए चुनिंदा विंग कमांडरों को प्रशिक्षण दिया गया था। इनमें अभिषेक भी शामिल थे। अभिषेक जब राफेल लेकर पहुंचे हैं तो उनके परिवारीजन खुद को गर्वान्वित महसूस कर रहे हैं। 
सेक्टर-56 के देवेंद्र विहार निवासी रोहित कटारिया डेढ़ साल तक पेरिस में प्रशिक्षण लेने के बाद बुधवार को राफेल विमान लेकर अंबाला पहुंचे। यहां पहुंचते ही उन्हें ग्रुप कैप्टन की कमान सौंप दी गई। यह पदोन्नति उन्हें करीब तीन महीने पहले मिली थी। विदेश में होने के कारण यह लागू नहीं हो सकी थी। रोहित को सभी लड़ाकू विमान सुखोई, मिराज, तेजस, मिग-21, जगुआर उड़ाने का अनुभव है। 
वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने राफेल भारत लाने वाले पायलटों 17 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह, विंग कमांडर मनीष कुमार सिंह, ग्रुप कैप्टन आर कटारिया, विंग कमांडर अभिषेक त्रिपाठी, विंग कमांडर सिद्धू और विंग कमांडर अरुण की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि पायलटों ने अद्भुत कौशल दिखाया।

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