लग्जरी सुविधाओं वाला क्रूज पहुंचा बनारस

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प्रसाद योजना के तहत यूपी टूरिज्म फेरी क्रूज रविवार दोपहर दो बजे से पहले ही वाराणसी के रविदास घाट पहुंच गया। पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने दो मंजिला क्रूज की आगवानी की। पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गाजीपुर और बलुआ गंगा के रास्ते क्रूज शनिवार को निकला था।

यह बलुआ से होते हुए आज दोपहर करीब 1:30 यहां पहुंच गया। क्रूज को 20 दिसंबर को ही काशी में आना था, लेकिन मौसम की खराबी और अन्य तकनीकी कई कारणों के चलते डेढ़ माह से भी अधिक समय लग गया। राजघाट पर जेटी आदि का अधिकारियों ने शनिवार को निरीक्षण कर अन्य तैयारियों को भी परखा। यह क्रूज जल्द ही राजघाट से अस्सी तक चलेगा। 

रक्षा मंत्रालय के अधीन गोवा शिपिंग यार्ड में 10 करोड़ की लागत से क्रूज का निर्माण किया गया है। यह क्रूज अप्रैल में ही बनकर तैयार था, लेकिन कोरोना के चलते हैंडओवर होने में काफी देर हुई। इसके बाद 30 नवंबर को क्रूज गोवा से समुद्री मार्ग से रवाना हुआ तो बनारस पहुंचने की तिथि 20 दिसंबर तय की गई थी। हालांकि मौसम की खराबी के चलते आंध्र प्रदेश-कोलकाता के बीच क्रूज 15 से 20 दिन तक फंसा रहा। इसके बाद कोलकाता पहुंचा तो कोहरे के कारण रफ्तार धीमी हो गई। चूंकि नदी में कोहरा अधिक होता है तो क्रूज की रफ्तार धीमी पड़ गई थी।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस क्रूज
राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर आरबी सिंह के अनुसार दो मंजिला क्रूज में अत्याधुनिक सुविधाएं हैं। 100 पर्यटकों के बैठने की क्षमता है। क्रूज को ऐसा बनाया गया है कि राजघाट से अस्सी तक जब क्रूज गंगा की लहरों पर चलेगा तो उसमें सवार पर्यटक गंगा घाटों की खूबसूरती को आसानी से देख सकेंगे। फिलहाल यह अभी तय नहीं हो पाया है कि क्रूज का संचालन कब से और कितना किराया होगा, यह सब पर्यटन विभाग को तय करना है। 

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