सनातन विरोधी गतिविधियों का अंतिम साँस तक विरोध होगा और सनातन को बचाने के लिए जीवन कुर्बान करने को सदैव तत्पर – डॉ विजय मिश्रा

0
754

विगत 6 दिसम्बर को सनातन विरोधियों द्वारा प्रस्तावित मनु स्मृति दहन के कुकृत्य का विरोध करने निकले डॉ विजय मिश्रा के नेतृत्व में सनातनी युवाओं ने जयपुर हाई कोर्ट के बाहर विधर्मियों को ललकारते हुए कहा था कि सनातन विरोधियों के मंसूबे अब कामयाब नहीं होंगे|

15391209_1859274340955538_5714986799965836494_n

उस दिन विधर्मी जब मैदान छोड़ कर भागे तो यह प्रमाणित हो गया कि अगर विधर्मियों के खिलाफ आवाज उठाई जाये तभी धर्म सुरक्षित रहेगा | जयपुर हाई कोर्ट के बाहर सरकार और प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किये गये थे | डॉ विजय मिश्रा ने कहा , कि ना जाने कितनी बार हमारे देवी देवताओं के लिये अपमानित शब्द प्रयोग हुये।

15032814_1843814662501506_4852797662686527793_n

पर सनातन धर्मी चुप रहे और अपनी चुप्पी और सहनशक्ति को अपनी महानता बता कर सिमटते रहे। और आज पूरे विश्व पर एकाधिकार रखने वाला सनातन धर्म सिर्फ एशिया के एक छोटे भू भाग तक सिमट कर रह गया। क्या हम सनातन को जुयें मे हार गये हैं जो ईश्वर के भरोसे हम सनातन का चीर हरण रुकने की प्रतीक्षा कर रहे हैं? ऐसी कौन सी सनातन के प्रति नपुंसकता मन मे बैठ गयी जो आपको शस्त्र उठाने को प्रेरित नहीं कर रही? सनातन धर्म पर संकट का सभय है और आपको धर्म की रक्षा के लिये हमें और आपको ही खड़े होना पड़ेगा। ‘धर्मों रक्षति रक्षतः’ का सिद्धान्त लेकर कि सनातन बचेगा तभी हम बचेगें नहीं तो फिर घर का सम्मान बचाना भी भारी पड़ेगा। साथ ही साथ उन्होंने बताया कि बहुत सारे सनातनी भाई बहन –‘सनातन संघर्ष समिति’ के माध्यम से पूरे देश में सनातन के प्रति जनजागरूकता फ़ैलाने के लिए संकल्प बद्ध है। सब मिल धर्म की रक्षा के लिए ,अपने संम्मान एवं स्वाभिमान की रक्षा के लिए एकजुट हों एवं सम्मानित संस्कृति एवं अमूल्य धरोहरों को बचाने का दृढ संकल्प लें। इसके अतिरिक्त सनातन धर्म की वृहद विचारधारा पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा की सनातन धर्म भारत की संस्कृति का आधार है और सनातन धर्म के वेद, पुराणों, उपनिषदों, सहित सभी ग्रंथों में किसी भी वर्ग के लिए कोई भेदभाव नहीं किया गया है । महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वेदव्यास, जैसे उदाहरण आज भी यह दिखाते हैं की भेदभाव सनातन धर्म का हिस्सा नहीं रहा। आज सिर्फ राजनैतिक रोटियाँ सेकने के लिए एवं वोटों की राजनीति करते हुए कुछ लोग समाज में समरसता नहीं आने देना चाहते हैं । आज भी अनुसूचित जाति के 90 प्रतिशत लोग सनातन धर्म में आस्था रखते हैं । उन्होंने सरकारों को चेताते हुए कहा कि मनुस्मृति, भगवन मनु, और सनातन का अपमान देश को तोड़ने की गहरी साजिश है । मुठ्ठी भर लोग दलित भाइयों को बरगलाकर ऐसे कुकृत्यों के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं , इन षड्यंत्रों से सरकारों को जागना होगा और ऐसी गतिविधियों पर हर प्रकार से रोक लगानी होगी । कार्यक्रम में अपूर्व सहयोग में आरएसएस से माननीय श्री इन्द्रेशजी और श्री दुर्गादास जी प्रशासन को सख्त निर्देश दिये थे! श्री पूज्य आचार्य धर्मेन्द्रजी महाराज जो लगातार दूरभाष पर निर्देश और संपर्क में रहे! और उनके साथी महंत श्री हरिशंकर दास जी महाराज अपनी पूरी संत मंडली के साथ पूरे दिन साथ में रहे और सुन्दरकाण्ड के समापन के बाद मनुस्मृति एवं भगवान् मनु पर विस्तृत व्याख्यान दिया।अमलेश पाण्डेय जो 3 दिन पहले से ही लखनऊ से जयपुर आ गए और श्री लव चतुर्वेदी, जयपुर जो साथ में पिछले 2 माह से लगातार सहयोग करते रहे!डॉ सुधीर व्यास (MBBS), प्रखर सनातन चिन्तक एवं वक्ता श्री भारत शर्मा (धरोहर बचाओ समिति, संरक्षक),श्री योगेश्वर शर्मा (समता आन्दोलन), जयपुर उन्होने बताया की भारत में पहली बार किसी ने मनुस्मृति दहन का विरोध किया है। श्री अनिल सारस्वत और मनोज शर्मा (सर्व ब्राह्मण महासंघ, जयपुर ),श्री राम सिंह जी और उनके 20 साथी (श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना) ,बहन मधु पुरोहित, पारुल शुक्ल, श्वेता शर्मा, हर्षिता शर्मा, (अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा), श्री पूरणमल जी गुप्ता, जयपुर, श्री पंकज कुमार वर्मा,अहमदाबाद, श्री विवेक मिश्रा, लखनऊ श्री देवराज भडाना, मुंबई, श्री नवनीत कुमार सैनी, जयपुर, श्री नवीन शर्मा, श्री राजानंद शाश्त्री और श्री सोहन आर शर्मा (श्री परशुराम इंटरनेशनल), श्री राकेश शर्मा, जयपुर, श्री समीर व्यास, अधिवक्ता, जयपुर और कई अन्य साथी उपस्थित रहे।

Comments

comments

share it...