भारत में भी साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने जारी किया अलर्ट

0
158

देश की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को विश्व भर में तेजी से फैल रहे वनाक्राई रैंसमवेयर की हानिकारक गतिविधियों को लेकर आगाह किया है. यह रैंसमवेयर सिस्टम को बुरी तरह प्रभावित करती है और दूसरे जगह से फाइल को लॉक कर देती है.

 

इसी बीच महाराष्ट्र के पुलिस विभाग ने कहा कि वह इस रैंसमवेयर से आंशिक तौर पर प्रभावित हुआ है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, सिस्टम को ठीक करने के लिए साइबर विशेषज्ञों को काम पर लगाया गया है. भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (सीईआरटी-इन) ने रेड अलर्ट चेतावनी जारी की है. यह हैकिंग से बचाव और भारतीय इंटरनेट डोमेन की साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली नोडल एजेंसी है.

दुनिया के 100 से अधिक देशों में जबरन वसूली के लिए बड़ी संख्या में साइबर हमलों के मामले सामने आए हैं. चेतावनी के बाद गुजरात सरकार ने राज्य के कंप्यूटर सिस्टम को एंटी वायरस सॉफ्टवेयर से लैस करने और माइक्रोसॉफ्ट ऑपरेटिंग सिस्टम को अपग्रेड करना शुरू कर दिया है.

राज्य के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव धनंजय द्विवेदी ने कहा कि गुजरात स्टेट वाइड नेटवर्क कनेक्शन से जुड़े कंप्यूटरों की करीबी निगरानी की जा रही है. यह देश का सबसे बड़ा आईपी आधारित सूचना-प्रौद्योगिकी (आईटी) अवसंरचना है. रैंसमवेयर एक ऐसा मालवेयर होता है जो कंप्यूटर सिस्टम के फाइल को लॉक कर देती है और एक निश्चित राशि के भुगतान के बगैर फाइल अनलॉक नहीं होती है.

आंध्र प्रदेश में पुलिस विभाग के कंप्यूटरों का एक हिस्सा शनिवार को एक ग्लोबल साइबर अटैक का निशाना बन गया. चित्तूर, कृष्णा, गुंटूर, विशाखापत्तनम और श्रीकुलम जिले के 18 पुलिस यूनिट्स के कंप्यूटर साइबर हमले से प्रभावित हुए, हालांकि अधिकारियों का कहना है कि रोजमर्रा के कामों में कोई परेशानी नहीं आई.

पुलिस महानिदेशक एन. संबाशिवा राव ने कहा कि कुछ स्टैंड अलोन कंप्यूटर (जो स्थानीय नेटवर्क कनेक्शन के बिना संचालित हो सकते हैं) प्रभावित हुए हैं और एहतियात के तौर पर उन्हें लॉग ऑफ (बंद) कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करने वाले कंप्यूटर साइबर हमले का शिकार हुए हैं.

गौरतलब है कि हाल ही में ब्रिटेन के दर्जनों अस्पतालों के कंप्यूटर्स को हैकर्स ने रैंजमवेयर के जरिए हैक कर लिया था. इसके तहत लगभग 75 हजार कंप्यूटर्स को निशाना बनाया गया. वहीं यूरोपियन पुलिस एजेंसी के मुताबिक 12 मई को हुए ग्लोबल साइबर अटैक ने कम से कम 150 देशों में लगभग 200,000 कंप्यूटरों को निशाना बनाया.

Comments

comments

share it...