लखनऊ के लोहिया संस्थान में भिड़े कर्मचारी और छात्र

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डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मंगलवार को जमकर बवाल हुआ। मेडिकल छात्रों और कर्मचारियों के बीच मारपीट हुई। काउंटर के शीशे तोड़ दिए गए। इससे भगदड़ मच गई। मारपीट के दौरान मरीज चीखने लगे। करीब घंटेभर इलाज प्रभावित रहा। मारपीट में कई कर्मचारियों के हाथ, पैर और चेहरे पर चोट आई। वहीं दो छात्रों के हाथ में चोट आई है। मौके पर पहुंचे निदेशक ने दोनों पक्षों से बातचीत की। तीन छात्रों और संविदा कर्मचारियों को नियुक्त करने वाली एजेंसी को नोटिस जारी किया गया है। इन्हें जवाब देने के लिए 24 घंटे का वक्त दिया गया है। इस दौरान पूरे प्रकरण की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है।संस्थान में सुबह आठ बजे से ही मरीजों की लाइन लग गई थी। करीब 9.30 बजे आंकोलॉजी भवन में एमबीबीएस प्रथम वर्ष का एक छात्र पर्चा बनवाने गया। उसने क्लास में जाने की मजबूरी का हवाला देकर जल्दी पर्चा बनाने की गुजारिश की। इसी बात को लेकर वहां तैनात संविदा कर्मचारी से कहासुनी हो गई। विवाद इस कदर बढ़ा कि दोनों पक्ष लामबंद हो गए। छात्रों का आरोप है कि कर्मचारियों ने उनके साथ गाली गलौज की। उनकी पिटाई कर दी। इसकी जानकारी मिलने के बाद दूसरे बैच के छात्र भी आंकोलॉजी भवन पहुंच गए। छात्रों ने काउंटर का शीशा तोड़ दिया। वे कर्मचारियों को दौड़ाकर पीटने लगे। इस दौरान बीच-बचाव करने आए कर्मचारियों को भी पीटा गया। मारपीट के दौरान भगदड़ मच गई। आंकोलॉजी भवन में मौजूद मरीज और तीमारदार इधर-उधर भागने लगे। इससे चीख पुकार मच गई। अन्य भवनों में मौजूद सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे। इस दौरन छात्र एकेडमिक ब्लॉक में भाग गए। यहां से सभी संविदा कर्मचारी प्रशासनिक भवन पहुंचे। वे प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। मांग की कि जब तक छात्रों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है तो काम नहीं करेंगे। निदेशक प्रो. एके त्रिपाठी ने चिकित्सा अधीक्षक डॉ. भुवनचंद तिवारी और मीडिया प्रभारी डॉ. विक्रम सिंह की मौजूदगी में छात्रों और कर्मचारियों के प्रतिनधियों को बुलाकर बात की। दोनों अपने-अपने तर्क पर अड़े रहे। इस पर भरोसा दिया कि मामले में जांच कमेटी बनाई जा रही है। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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