तो न्यूटन ने नहीं की खोज प्रकाश की किरणों की…वेदों में है पहले से ही वर्णन

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वैदिक और विज्ञान न्यूटन ने खोज की थी जो हमें कक्षा 5 में पढ़ाया जाता है कि प्रकाश सात रंगों से बना है। वेदों में 6000 साल पहले ही लिख दिया था।

  विज्ञानं

हमें पढाया जाता रहा है कि न्यूटन ने 1666 ईस्वी में खोज की थी की जब प्रकाश की किरण जब एक प्रिज्म से निकलती है तो लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, जामुजी और हरे रंग में बदल जाती है। यह सब रंग मिल कर श्वेत रंग बनाते है। तथा सूर्य की सीधी किरणे (ग्रहण के समय) हानिकारक होती है।

   वेद

शास्त्रों में सूर्य भगवान् के सात घोड़े हैं वहां सप्त रश्मियाँ शब्द आया है जिसका अर्थ है सात किरणें,सूर्य को सप्त पुत्र शब्द से भी वेद में जाना गया है।चूँकि वेद एक धार्मिक ग्रन्थ है इसीलिए, वेदों में इस बात को धार्मिक तरीके से समझाया गया है। सूर्य की किरणों को ऋग्वेद में पुरुसाद कहा गया है। जिसका अर्थ ऐसी किरणों से है जो व्यक्ति को खा जाती हैं और इनसे सारा संसार भयभीत रहता है। उल्लेखनीय है कि वेद लाखों वर्ष पुराने ग्रन्थ है तथा हमारी सभ्यता असाधारण तथा विकसित थी उस समय न्यूटन तो क्या पश्चिमी देशों में सभ्यता का जन्म भी नहीं हुआ था।

सूर्य के बारे में ऋग्वेद में (1.35) तथा (1.164.1-5) में !!

लेखक- डॉ विजय मिश्रा 

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