एमएस धोनी में लिया कप्तानी छोड़ने का फैसला, बोले- कोई भी काम बिना सोचे-समझे नहीं करता

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महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया की कप्तानी छोड़कर एक बार फिर क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया। वे बुधवार को नागपुर में थे, जहां उनकी झारखंड टीम और गुजरात का मुकाबला था। झारखंड के मेंटर बनकर आए। खिलाड़ियों के साथ मस्ती की और गुनगुनाते रहे। और शाम को उनके नेशनल वनडे और टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने की खबर आ गई। वे बुधवार को 6 घंटे के भीतर टीम इंडिया के चीफ सिलेक्टर एमएसके प्रसाद से 3 बार मिले। पहले सुबह 11 बजे, फिर चार बजे और फिर पांच बजे। लेकिन न तो धोनी ने बताया कि क्या बात हुई और न एमएसके प्रसाद ने। बाद में उन्होंने कहा, ‘कोई भी काम बिना सोचे-समझे नहीं करता।

जब रात नौ बजे बीसीसीआई ने ट्वीट कर धोनी के संन्यास की जानकारी दी तो मामला काफी हद तक साफ हो गया।
धोनी का कप्तानी छोड़ने का फैसला दुनियाभर के क्रिकेटरों के साथ-साथ उन खिलाड़ियों के लिए सबसे ज्यादा चौंकाने वाली खबर थी, जो पूरे दिन उनके साथ थे। लेकिन उन्हें इसकी भनक भी नहीं लगी।
हालांकि, धोनी ने साफ कर दिया कि वे इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी20 सीरीज के लिए मौजूद हैं।
खुद धोनी ने कहा कि वे कोई भी काम बिना सोचे-समझे नहीं करते। यह बात अलग है कि उनके मस्तमौला अंदाज के कारण लोगों को उनके फैसले का अंदाजा नहीं लगता। नागपुर में भी यही हुआ।
बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी ने कहा, ‘धोनी की अगुआई में भारतीय टीम ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। उनके अचीवमेंट्स भारतीय क्रिकेट में स्वर्णाक्षरों में अंकित रहेंगे।’
धोनी ने रात को अपनी टीम के साथियों को पार्टी भी दी।  जब सौरव तिवारी ने पूछा कि भैया, अचानक कप्तानी क्यों छोड़ी तो उन्होंने कहा कि वे अचानक कुछ नहीं करते। सब कुछ प्लान कर फैसले लेते हैं।
इसलिए छोड़ी कप्तानी
2019 में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप से पहले पद छोड़ा, ताकि नए कप्तान को वक्त मिले।
विराट के बेहतरीन और अपने खराब परफॉर्मेंस से दबाव में थे। अगर इंग्लैंड के खिलाफ खराब खेलते तो इस्तीफे का दबाव बनता।
धोनी-विराट की कप्तानी की शैली बिलकुल अलग है। वे मानते हैं कि लंबे समय तक अलग कप्तान होने से साथियों का प्रदर्शन प्रभावित होता।
अश्विन, जडेजा जैसे कई क्रिकेटरों को धोनी ने आगे बढ़ाया। लेकिन इन्होंने विराट को सभी फॉर्मेट में कप्तान बनाने का समर्थन किया। धोनी खुद ही हट गए।
धोनी के फैसले पर किसने क्या कहा?
सचिन तेंडुलकर: ‘धोनी ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयां दी हैं। हमें देश के लिए उनके योगदान का आभार मानना चाहिए।’  अनुराग ठाकुर (पूर्व बीसीसीआई चीफ): ‘धोनी मिस्टर कूल थे क्योंकि वे मैदान में शांत रहकर सफल रणनीति बनाते थे। उन्होंने हमें ढेर सारी खुशियां दी है।’ मोहम्मद अजहरुद्दीन: ‘धोनी ने देश को दो वर्ल्ड कप और एक चैंपियंस ट्रॉफी दिलाई है। वे खुद कैसे कप्तानी छोड़ सकते हैं। यह फैसला तो सिलेक्टर्स को करना चाहिए।’
धोनी के बारे में ये भी जानें
12 टेस्ट में 1215 रन बनाए। बतौर कप्तान 9 मैच जीते।
100+ वनडे जीतने वाले एकमात्र भारतीय कप्तान हैं।
2007 में टी20 टीम के कप्तान बने। वर्ल्ड कप जिताया।
आईसीसी के तीनों टूर्नामेंट (वनडे और टी20 वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी) जीतने वाले एकमात्र कप्तान।
वनडे में नंबर सात पर बल्लेबाजी करते हुए शतक जमाने वाले एकमात्र कप्तान। (पाकिस्तान के खिलाफ दिसंबर 2012 में)
टीम इंडिया को टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन पर पहुंचाया, 2009 में।
क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में 50 से ज्यादा मैचों में कप्तानी करने वाले एकमात्र खिलाड़ी। (60 टेस्ट, 189 वनडे, 51 टी20)।
दोस्तों ने कहा- माही प्योर प्रोफेशनल
धोनी के दोस्तों ने भी इस खबर पर हैरानी जताई। उनके करीबी दोस्तों को भी यह खबर टीवी और वाॅट्सएप के जरिए ही मिली। रांची में धोनी के करीबी दोस्त चितू ने बताया कि धोनी प्योर प्रोफेशनल प्लेयर हैं। वे कब क्या करते हैं, किसी को भनक नहीं लगती। चाहे वह उसके कितने भी करीब क्यों न हों? “वो बहुत शांत दिमाग से डिसीजन लेते हैं। अभी उनमें काफी क्रिकेट बाकी है। वो अभी क्रिकेट खेलते रहेंगे।” चितू धोनी के वो दोस्त हैं, जो धोनी के साथ बचपन से पढ़े हैं। धोनी जब रांची में होते हैं तो चितू धोनी के साथ काफी वक्त रहते हैं। धोनी की बायोपिक फिल्म में भी चितू का एक किरदार रखा गया है।

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