गर्भवती के पेट में छोड़ दी रुई,

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बरेली। राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने डॉक्टर एम. खान हॉस्पिटल और डॉ. यास्मीन खान पर 55 लाख 74 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। गर्भवती के ऑपरेशन के दौरान कॉटन का बंडल पेट में छोड़ने पर आयोग ने इलाज में गंभीर लापरवाही सामने आने पर यह कार्रवाई की है। आयोग के आदेश के अनुसार, यह राशि 12 प्रतिशत ब्याज समेत चुकानी होगी।

राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, लखनऊ के सदस्य राजेंद्र सिंह ने साबिहा हामिद के शिकायती वाद पर बुधवार को यह फैसला सुनाया। आयोग से मिले ब्यौरे के अनुसार, साबिहा हामिद गर्भवती थीं, जिसके लिए वह डॉ. एम. खान हॉस्पिटल गईं। वहां डॉ. यास्मीन खान ने सिजेरियन ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद उन्हें लगातार दर्द की शिकायत बनी रही। साबिहा ने अस्पताल जाकर कई बार डॉ. यास्मीन खान को दिखाया, पर वह उसका कोई इलाज नहीं कर सकीं। फिर डॉ. यास्मीन ने उन्हें मुरादाबाद के डॉ. राजीव गुप्ता के पास भेजा, लेकिन वह भी उनके रोग का इलाज नहीं कर सके।

तीन बार कराना पड़ा ऑपरेशन
साबिहा खान ने लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई में आकर अपनी जांच कराई, तब मालूम हुआ कि सिजेरियन ऑपरेशन के समय लापरवाही के चलते उनके पेट में कॉटन का बंडल छोड़ दिया गया था। इससे उनकी हालत अत्यंत गंभीर हो गई। एसजीपीजीआई में उनका तीन बार ऑपरेशन किया गया, तब आराम मिला। इस बीच अक्तूबर 2010 से जनवरी 2012 तक वह इस पीड़ा का सामना करती रहीं। कहा गया कि इस मामले में अगर और देर होती तो उनकी मौत भी हो सकती थी।
आयोग ने माना गंभीर लापरवाही
निर्णय में कई नजीरों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इस मामले में संबंधित अस्पताल और डॉक्टर ने मरीज के ऑपरेशन में गंभीर लापरवाही बरती। निर्णय पारित करते हुए 55.74 लाख रुपये का हर्जाना देने का आदेश पारित किया। इस राशि पर एक नवंबर 2010 से 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण ब्याज भी देने का आदेश दिया गया।

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