दो घाटों पर 173 चिताएं जलीं

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रोज हो रही मौतों से श्मशान घाटों पर अंत्येष्टि के लिए बढ़ते इंतजार से होने वाली परेशानियों से बचने के लिए लोग दाह संस्कार के लिए नए स्थान खोज रहे हैं। लखनऊ खदरा के बैरियर नंबर-2 के पास गोमती नदी के किनारे लोग अंतिम संस्कार करने लगे हैं। बताया जा रहा है कि इनमें कोविड के लक्षणों वालों की मौत वालों का भी अंतिम संस्कार हो रहा है। कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन हुए बिना हो रहे ऐसे अंतिम संस्कारों से संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है।यहां मौजूद लोगों ने बताया कि कभी यहां एकाध शवों का अंतिम संस्कार हुआ करता था, पर 1-2 दिन से सुबह से लेकर रात तक कई शव जलाए जा रहे हैं। पास में स्थित एक मंदिर के पुजारी यहां अंतिम संस्कार करवाते हैं। जबकि लकड़ी आदि बाजार से खरीद कर लाते हैं। ऐसे लोगों का मृत्यु प्रमाण पत्र कैसे बनता है इस सवाल पर लोगों ने बताया कि स्थानीय पार्षद से लिखवाते हैं या एफिडेविट बनवा लेते हैं। शपथपत्र की मदद से नगर निगम से प्रमाण पत्र बन जाता है।

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