उपमुख्यमंत्री व चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक मंगलवार को अचानक केजीएमयू पहुंच गए और सुविधाओं का निरीक्षण किया। वह मास्क लगाकर खुद लाइन में लग गए और पहले से मौजूद मरीजों से बातचीत कर वहां मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। कुछ देर बाद कर्मचारी जब उन्हें पहचान गए तो वह आनन-फानन में व्यवस्था दुरुस्त कराने में जुट गए।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने ओपीडी में बदइंतजामी पर नाराजगी जाहिर की। इसके साथ ही पंजीकरण के लिए केजीएमयू के नम्बर पर फोन करने वाले मरीजों की कॉल रिसीव न होने पर जमकर फटकार लगाई।
उन्होंने अगले 24 घण्टे में व्यवस्था दुरुस्त करने की चेतावनी दी है। मंत्री ने निरीक्षण के दौरान कई बार पंजीकरण के लिए दिए गए नम्बर पर अपने फोन से कॉल की। हर बार नम्बर बिजी बताता रहा। इससे नाराज होकर वे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक्सचेंज पहुंच गए। वहां सिर्फ दो लाइन पर बात हो रही थी। बाकी 10 लाइन खाली थीं। इस पर उनका गुस्सा फट पड़ा।
उन्होंने एजेंसी हटाने की भी चेतावनी दी साथ ही उन्होंने कहा कि अब एजेंसी को प्रति कॉल रिसीव करने के हिसाब से भुगतान किया जाए। इसके अलावा ओपीडी में कुर्सियों पर गंदगी और टूटी दिखाई देने पर नाराजगी जताई।
मरीजों ने बताया कि वह सुबह से ही अपनी बारी का इंतजार कर रहे है पर नंबर नहीं आया। इसके अलावा कतार में लगाने की व्यवस्था तक देखने वाला कोई नहीं है। इस पर मंत्री का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की और व्यवस्था सुधारने की चेतावनी दी।