रैंगिंग में सिगरेट नहीं पीने पर पीटा और किया दुष्कर्म

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डॉ. शंकुतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के बीए प्रथम वर्ष के दिव्यांग छात्र परिसर स्थित छात्रावास में रहता है। छात्र का आरोप है कि वह 4 फरवरी की रात को मेस में खाना खाने जा रहा था। इसी दौरान बीएड प्रथम सेमेस्टर के छात्र आकाश यादव और एमएड तृतीय सेमेस्टर के छात्र सत्येंद्र यादव पहुंचे। उसको परेशान करने लगे। किसी तरह वह वहां से बचकर मेस में खाना खाने के लिए जाने लगा तो बरामदे में ही उसे पकड़ लिया। जबरदस्ती उसे कमरा नंबर 233 में ले गये। यह कमरा प्रेम प्रकाश के नाम से आवंटित था। कमरे में जाने के बाद उसके साथ बदसलूकी करने लगे। पहले तो वह टालमटोल करता रहा लेकिन वरिष्ठ छात्रों की हरकतें कम नहीं हुई।
जबदरस्ती जलती सिगरेट मुंह में डाली, पीटा
पीड़ित केमुताबिक आकाश व सत्येंद्र उसे परेशान कर रहे थे। इसी बीच दोनों ने सिगरेट पीने को कहा। जब उसने मना किया तो जबरदस्ती जलती हुई सिगरेट मुंह में डाल दी। पीड़ित ने जब दोनों को धक्का देकर अपने को बचाने की कोशिश की तो दोनों गिर गये। यह बात दोनों को नागवार गुजरी। दोनों ने उसे कमरे में बंधक बनाकर जमकर पीटा। पीड़ित चीखता रहा लेकिन इन दबंग छात्रों के सामने किसी की आने की हिम्मत नहीं पड़ी।

पीड़ित के मुताबिक उसकी पिटाई की। वह अपनी जान बचाने के लिए दोनों के मिन्नतें करता रहा लेकिन कोई असर नहीं हुआ। नाराज दोनों वरिष्ठ छात्रों ने उसके कपड़े फाड़ दिये। इसके बाद बारी-बारी से दुष्कर्म किया। दर्द से कराहता हुआ। छात्र जान बख्सने की भीख मांग रहा था। लेकिन दोनों नहीं माने। इसके बाद दोनों ने धमकी दी कि अगर किसी के सामने मुंह खोला तो जान से मार देंगे। पीड़ित पूरी रात दर्द से परेशान रहा। 5 फरवरी को उसने इसकी शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन से की। विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले पीड़ित छात्र का इलाज कराया। इसके बाद जांच शुरू की। जांच में वारदात सही पाई गई। जिस पर 8 फरवरी को पीड़ित की तहरीर पर विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर की मुहर लगाकर थाने भेजी गई। प्रभारी निरीक्षक पारा राजेश कुमार के मुताबिक पीड़ित की तहरीर पर आरोपी सत्येंद्र यादव व आकाश यादव केखिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।
छात्र की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है। मामला एंटी रैगिंग सेल को ट्रांसफर किया गया है। छात्र का मेडिकल कराया गया है। उसे विवि में किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होने पाएगी। अगर उसकी शिकायत सही है तो गलत करने वाले के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की अनुशासनहीनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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