लखनऊ : ठेकेदार की पीटकर हत्या,

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हरदोई निवासी निर्मल अग्निहोत्री करीब 20 साल पहले गोसाईंगंज कस्बे में परिवार सहित बस गए थे। निर्मल के बेटे प्रतीक अग्निहोत्री के मुताबिक, पिता का श्री महाबीर जी ट्रस्ट के पुजारी स्व. विद्याधर त्रिपाठी के बेटों में पुजारी का काम देख रहे चंद्रभाल उर्फ बबलू के अलावा ओमप्रकाश उर्फ सत्तू, भीष्म कुमार उर्फ पिंटू व उनके साथी रविंद्र कुमार व धर्मराज यादव से विवाद चल रहा था। यह सभी लोग ट्रस्ट की जमीन कब्जा करना चाहते थे। जिसका विरोध ट्रस्ट के प्रबंधक के साथ मिलकर उसके पिता निर्मल अग्निहोत्री कर रहे थे।

आरोप है कि इसी कारण इन सभी ने मिलकर शुक्रवार को उसके पिता निर्मल की धारदार हथियारों व लोहे की रॉड से पीटकर हत्या कर दी। वारदात के वक्त शुक्रवार शाम करीब पांच बजे वह मंदिर ट्रस्ट के निर्माण कार्यो की देखरेख करने क े लिए लाला महादेव प्रसाद वर्मा डिग्री कालेज के सामने हनुमान जी मंदिर के पीछे गए थे।
पुलिस के मुताबिक, लाला महादेव प्रसाद वर्मा डिग्री कालेज के सामने हनुमान जी मंदिर के पीछे निर्मल का शव मंदिर के गेट के पास पड़ा मिला। उनके चेहरे व सिर पर भारी सामान से वार किया गया। गले और पैर में भी चोट के निशान मिले हैं। आशंका है कि उनका गला घोंटा गया। इसके बाद चेहरा बेरहमी से कूंच दिया गया जिससे उनकी मौत हो गई। हत्या के पीछे मंदिर की जमीन का विवाद सामने आया है। मंदिर में रहने वाले पुजारियों पर आरोप लगा है। वह वारदात के बाद से फरार हैं। आरोपी मूलरूप से लोनी कटरा बाराबंकी के रहने वाले हैं। पुजारी को संदेह था कि उससे चल रहे जमीन के विवाद में ठेकेदार विपक्षी की मदद कर रहा है। प्रभारी निरीक्षक अमरनाथ वर्मा के अनुसार, ठेकेदार की हत्या में पुजारी व उसके भाइयों की तलाश की जा रही है। बताया गया है कि इसके पहले भी आरोपियों ने ठेकेदार पर हमला किया था।


गोसाईंगंज के बजरंग नगर स्थित हनुमान मंदिर के श्री महावीर जी ट्रस्ट के प्रबंधक लाला गणेश वर्मा के पिता व ट्रस्ट के पूर्व प्रबंधक ने चन्द्रभूषण शास्त्री को मंदिर में पुजारी बनाया था। उनके बाद उनके बेटे विद्याधर त्रिपाठी पुजारी हुए। पुजारी को मंदिर का ट्रस्टी बताते हुए 2012 में मंदिर की आधी सम्पत्ति की मांग की। जिस पर मंदिर के ट्रस्ट को लेकर पुजारी के बेटों व ट्रस्ट के प्रबंधक के बीच विवाद हो गया। इसके बाद पुजारी के बेटों को मंदिर से हटा दिया गया। हालांकि मुकदमा करने पर न्यायालय ने पुजारी के परिवार को रहने के लिए मंदिर के एक कमरे को ट्रस्ट से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसी बीच पुजारी की भी मौत हो गई लेकि न उनके बेटे मंदिर में अब भी काबिज हैं।
मृतक के शरीर पर कई जगह चोट के निशान मिले हैं। निर्मल के बेटे प्रतीक ने छह लोगों के खिलाफ तहरीर दी है। तहरीर में दोनों पक्षों के बीच मंदिर ट्रस्ट की कब्जेदारी व स्वामित्व का विवाद सामने आया है। आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस की तीन टीमें लगाई गई हैं।

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