वाराणसी निवासी युवती का कहना था कि एक वर्ष पूर्व वह बहरीपुर गांव में अपनी बहन के घर आई थी। यहां उसकी मुलाकात गांव निवासी युवक से हुई। दोनों में नजदीकी बढ़ी जो प्यार में बदल गई। युवक उससे मिलने वाराणसी भी जाता था। दोनों ने एक-दूसरे से विवाह करने का निर्णय लिया, लेकिन धर्म अलग-अलग होने से परिजन राजी नहीं थे।
युवती के अनुसार दोनों ने 26 अक्तूबर को कालिका माई मंदिर, वाराणसी में शादी रचा ली। इसके बाद मड़ियाहूं बाजार में किराये के मकान में दोनों रहने लगे। वहां से दोनों मुंबई गए। युवती का आरोप है कि वहां उसे बेचने की कोशिश हुई, मगर भनक पाकर वह भागकर युवक के मामा के घर लंभुआ जिला सुल्तानपुर पहुंच गई। वहां दोनों को बैठाकर मामा और परिजनों ने समझाया। बावजूद युवक उसे छोड़कर फरार हो गया। एसओ विनोद मिश्र ने बताया कि युवती से विवाह का साक्ष्य मांगा गया था, लेकिन वह प्रस्तुत नहीं कर सकी। उसे एक सप्ताह की मोहलत दी गई है। फिलहाल समझा-बुझाकर उसे लंभुआ भेज दिया गया है।