आखिरकार बसपा सुप्रीमो मायावती ने खोला राज,

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कोठी मीना बाजार में आगरा मंडल के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगने आईं बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपने एक साल से नजर न आने की चर्चाओं पर सफाई दी और इसका ठीकरा मीडिया पर फोड़ते हुए कहा कि कोरोना के कारण एक साल से वह दिल्ली छोड़कर लखनऊ में रह रही हैं। तब से एक फरवरी तक वह संगठन और चुनाव के लिए प्रत्याशियों का चयन का काम करती रहीं। आज से संगठन के काम से मुक्त हुईं तो दलितों की राजधानी आगरा से चुनाव अभियान की शुरुआत कर दी है। इस बार पोलिंग बूथ स्तर पर कमेटियां बनाईं। इसके बाद हर सीट पर प्रत्याशी से खुद बात की। हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कमेटियों और चुनाव में विश्वासघात किया। दूसरी पार्टियों से मिलकर डमी प्रत्याशी खड़े कर दिए। इस बार मैने खुद बूथ पर ध्यान दिया और प्रत्याशी को चुना है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने बुधवार को कोठी मीना बाजार मैदान में अपनी पहली चुनावी सभा की। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि मतदान के दिन उपवास रखें। सुबह उठने के बाद सबसे पहले पोलिंग बूथ पर पहुंचें और मतदान करें और एक-एक वोटर से वोट डलवाएं। जब अपने सभी वोट डलवा दें, तब कुछ खाएं पीएं। बूथ कमेटियों की बड़ी जिम्मेदारी है। हाथी की तरह आपकी आबादी भी विशाल है। वोट भी उसी के मुताबिक पड़ें।
मायावती ने अपने समर्थकों को सपा, भाजपा और कांग्रेस का डर दिखाते हुए कहा कि तीनों दल आरक्षण के विरोधी हैं। बसपा अध्यक्ष मायावती ने सबसे पहले कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि बाबा साहब डॉ. आंबेडकर को भारत रत्न से कांग्रेस ने सम्मानित नहीं किया, जबकि सबसे ज्यादा समय तक राज किया। मान्यवर कांशीराम के निधन पर एक दिन का राष्ट्रीय शोक तक नहीं किया। मंडल आयोग की रिपोर्ट को कांग्रेस ने दबा दिया, जिसे बसपा ने पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह पर दबाव डालकर मनवाया। सत्ता से बाहर है तो कांग्रेस दलित हितैषी होने का नाटक कर रही है। इससे सावधान रहना।

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