इंतजार खत्म, बाईपास का टेंडर जारी

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सात साल इंतजार के बाद अब शहर के पश्चिमी छोर पर 3 अरब 8 करोड़ की लागत से स्वीकृत बाईपास के निर्माण का रास्ता साफ हो गया। बाईपास के निर्माण के लिए टेंडर जारी हो गया। गुजरात की कंपनी को इसके निर्माण की जिम्मेदारी मिली है। उम्मीद जताई जा रही है कि एक माह के भीतर निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा।

जिले का प्रमुख राजमार्ग प्रयागराज-अयोध्या हाईवे शहर के बीच से होकर गुजरा है। इस हाईवे से गोरखपुर, श्रावस्ती, बस्ती, गोंडा, बहराइच, अयोध्या, अंबेडकरनगर, सुल्तानपुर, अमेठी सहित कई जिलों के लोग गुजरते हैं। दिनभर वाहनों का आवागमन रहता है। वाहनों का दबाव होने से दिन में शहर में जाम लगता रहता है। यही नहीं, ट्रकों के आवागमन से आए दिन बीच शहर में हादसे भी होते रहते हैं। शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए अरसे से बाईपास की मांग की जा रही थी।

बाईपास का प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए एनएच ने वर्ष 2013 में कास्टा इंजीनियरिग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को पत्र लिखा था। फिर सोनावा, गोड़े, पूरे केशवराय, सिटी कस्बा होते हुए भुआलपुर किला गांव के पास रायबरेली-जौनपुर हाईवे तक बाईपास का रूट तय किया गया। बाईपास की लंबाई 14.220 किमी है। लंबी कवायद के बाद बाईपास का 3 अरब 08 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार हुआ था। इस प्रोजेक्ट को सुल्तानपुर एनएच के ।
14.22 किमी लंबे बाईपास में गोंड़े गांव के पास लखनऊ-वाराणसी रेलमार्ग व अयोध्या-प्रयागराज रेलमार्ग पर दो ओवरब्रिज बनेेंगे। इसके अलावा चमरौधा नदी और सई नदी पर दो बड़े पुल बनाए जाएंगे। चिलबिला-अमेठी मार्ग, गायघाट-संडवा चंद्रिका मार्ग और प्रतापगढ़-सुखपालनगर मार्ग पर सिटी कस्बे में अंरपास बनेंगे। गांव में जो भी लिंक मार्ग पड़ रहे हैं, वहां भी अंडरपास बनेंगे। बाईपास दो लेन यानी 10 मीटर का बनेगा। हालांकि जमीन का अधिग्रहण छह लेन यानि 60 मीटर का किया गया है। जिससे आने वाले समय में बाईपास को चौड़ा करने में जमीन की कमी न होने पाए।
इसके निर्माण के लिए सांसद संगमलाल गुप्ता ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए प्रयास जारी रखा। उनके प्रयास से सात साल से बाईपास निर्माण की चल रही प्रक्रिया अब जाकर पूरी हो सकी। शुक्रवार को बाईपास निर्माण के लिए ओपन टेंडर हुआ। गुजरात की एक कंपनी को काम कराने की जिम्मेदारी दी गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि एक माह के भीतर बाईपास निमाण की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।

बाईपास के लिए अधिग्रहीत की गई जमीन के एवज में सोनावां, गोड़े, घोरहा, लोहंगपुर, सराय वीरभद्र, पूरे केशवराय, गायघाट, जहरगो, करौदी, गड़ई चकदेइया, सराय कल्याणदेव और ईसीपुर समेत 17 गांवों के किसानों को कुल 84.93 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में वितरित किए जा चुके हैं।
प्रस्तावित बाईपास के मार्ग में ट्रामा सेंटर का कुछ हिस्सा पड़ रहा है। ऐसे में 30 बेड के आधुनिक सुविधायुक्त ट्रामा सेंटर को टूटने से बचाने के प्रयास शुरू हुए। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के सुझाव पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अपने नक्शे में कुछ बदलाव किया। अब ट्रामा सेंटर के कुछ पहले से कंपनी बाग-गड़वारा मुख्य मार्ग पर ओवरब्रिज बनाकर बाईपास को गुजारा जाएगा। ऐसा करने से ट्रामा सेंटर बच जाएगा। बाईपास का निर्माण एनएच सुल्तानपुर की देखरेख में होगा। ट्रामा सेंटर के पास गायघाट रोड पर ओवरब्रिज बनेगा। नीचे सर्विस रोड भी बनेगी।
बाईपास का 3 अरब 08 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। पहले चरण में गोंड़े से सुखपालनगर तक बाईपास बनेगा। दूसरे चरण में सुखपालनगर से सरायसागर तक निर्माण कराया जाएगा। बाईपास के निर्माण से शहर के लोगों को जाम से मुक्ति मिल जाएगी

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