किसानों की आर्थिक परेशानी दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2019 में किसान सम्मान योजना शुरू की थी। योजना से किसानों को लाभान्वित करते हुए सरकार एक वर्ष में तीन बार दो-दो हजार रुपये उनके खातों में भेज रही है। योजना के तहत जिले में 3,33,466 किसानों ने पंजीकरण कराया था। पंजीकृत किसानों में से 2,89,737 किसानों को जोड़ते हुए अनुदान राशि उनके बैंक खाते में अंतरित की गई।
इसी बीच योजना में अपात्रों के लाभान्वित होने का मामला प्रकाश में आया तो जांच कराई गई। जांच में 2734 आयकर दाता के सम्मान निधि का लाभ लेने के साथ ही पांच मृतक व 3698 किसानों के गलत खाते में भुगतान तथा 192 इनवैलिड आधार तथा 44 अन्य कारणों से अपात्रों के लाभान्वित होने का मामला प्रकाश में आया।
जनवरी माह में योजना की 10वीं किस्त निर्गत करने के बाद अपात्रों से रिकवरी की कवायद तेज करने के साथ योजना को पारदर्शी बनाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। अप्रैल माह में योजना की 11वीं किस्त निर्गत करने के पहले प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने वाले सभी किसानों को अपने खाते की ई-केवाईसी करानी अनिवार्य कर दी गई है।
सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने को लेकर तीन माह पहले से शुरू ई-केवाईसी में किसानों ने रुचि नहीं दिखाई। इसके बाद शासन ने 31 मार्च तक का अंतिम समय देते हुए किसानों को नजदीकी जनसेवा केंद्र पर जाकर सम्मान निधि पोर्टल पर अपनी ई-केवाईसी के साथ बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण कराने का अंतिम अवसर दिया है।