करोड़ों की ठगी करने वाला गिरफ्तार

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कारोबारियों और अफसरों से करोड़ों की ठगी करने वाले जालसाज को कानपुर की ग्वालटोली पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है। एक साल पहले उसके खिलाफ 60 लाख की ठगी का केस दर्ज हुआ था। जब वह पकड़ा गया तो तमाम शिकायतें उसके खिलाफ थाने पहुंची हैं। जिसमें उस पर कई करोड़ रुपये हड़पने के आरोप हैं। पुलिस ने शिकायतों का संज्ञान लेकर तफ्तीश शुरू की है।
दर्ज एफआईआर में ही इन शिकायतों को शामिल किया जा सकता है। एसीपी कर्नलगंज त्रिपुरारी पांडेय ने बताया कि विष्णुपुरी निवासी दीपेद्र गुप्ता बड़े कारोबारी हैं। करीब दो साल पहले संजीव कुमार तिवारी नाम का शख्स उनसे मिला था। संजीव ने दावा किया था वह उनको शराब ठेके का लाइसेंस दिलवा देगा। ठेका का लाइसेंस दिलाने के नाम पर संजीव ने उनसे 60 लाख रुपये ले लिए थे और फिर फरार हो गया था। पिछले साल ग्वालटोली पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की थी।
लखनऊ से पुलिस ने पकड़ा
गुरुवार सुबह पुलिस ने लखनऊ के गोमती नगर विशाल खंड स्थित ग्रीनवुड अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 407 से संजीव को गिरफ्तार कर लिया। एसीपी ने बताया कि संजीव की गिरफ्तारी की जानकारी होते ही एक बैंक मैनेजर समेत चार लोगों ने पुलिस से संपर्क किया है। इन सभी को जमीन आदि दिलाने के नाम पर संजीव ने ठगा है। ठगी की रकम करोड़ों की है। पुलिस को आशंका है कि प्रदेश के तमाम शहरों में संजीव ने इसी तरह की ठगी को अंजाम दिया है। उसका इतिहास खंगाला जा रहा है। 

16 एटीएम कार्ड, 2 करोड़ की चेक व फर्जी आधार बरामद
पुलिस ने आरोपी के फ्लैट की तलाशी ली। संजीव के पास से अलग-अलग बैंक के कुल 16 एटीएम कार्ड मिले। तमाम चेक मिलीं। जिन पर कुल 2 करोड़ रुपये का ब्योरा था। पुलिस पता कर रही है कि आखिर संजीव ये चेक किन लोगों को देने वाला था। यही नहीं आरोपी के पास से तीन आधार कार्ड मिले। पुलिस के मुताबिक लोगों से धोखाधड़ी करने के लिए आरोपी ने फर्जी आधार भी बनवा रखे थे। सभी पर अलग-अलग पता दर्ज है। आधार कहां से बनवाए गए ये भी पता किया जा रहा है। पुलिस ने उसकी एक इनोवा भी बरामद की है। जिसको सीज कर दिया है। 

किराये पर लेता था मकान
 ग्वालटोली इंस्पेक्टर केके दीक्षित का कहना है कि संजीव परास्नातक पास है। उसने अलग-अलग शहरों में मकान किराये पर ले रखे थे। वहीं पर वह रहता था। काफी खंगालने पर पता चला कि वह मूलरूप से अंबेडकर नगर का रहने वाला है। विवेचक ने अंबेडकर नगर पुलिस से भी संपर्क कर जानकारी साझा किया है। साथ ही संजीव के पुराने रिकॉर्ड भी मांगे हैं। 

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