काशी विश्वनाथ धाम में अब नंगे पांव नहीं होगी ड्यूटी,

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श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में ड्यूटी करने वाले अब जूट का जूता पहनकर ड्यूटी करेंगे। बढ़ती हुई ठंड को देखते हुए मंदिर परिसर में ड्यूटी करने वालों को रविवार को जूतों का वितरण किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर मंदिर में यह पहल की गई। प्रधानमंत्री को पता चला था कि ठंड में सीआरपीएफ जवान, पुलिस, अर्चक, सेवादार और सफाईकर्मी नंगे पांव ड्यूटी करते हैं।

पीएम मोदी के निर्देश के बाद दिल्ली से जूट के 100 जूते सभी कर्मचारियों के लिए भेजे गए। रविवार को मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने मंदिर में कार्य कर रहे शास्त्री, पुजारी, सीआरपीएफ जवान, पुलिसकर्मी, सेवादार और सफाई कर्मियों को वितरित किया। मंडलायुक्त ने बताया कि अभी और भी जूट के जूते आएंगे और ड्यूटी करने वालों को वितरित किया जाएगा।ठंड के कारण नंगे पांव काम करने में जो परेशानी काशी विश्वनाथ मंदिर के इन कर्मियों को हो रही थी वो जूट के जूतों को मिल जाने के बाद अब उनके काम में काफी हद तक सहूलियत मिल जाएगी।इन जूतों का उपयोग काशी विश्वनाथ धाम परिसर के अंदर किया जाएगा। इन जूतों का वितरण वाराणसी के मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश व श्री काशी विश्वनाथ धाम के सीईओ डॉ सुनील कुमार वर्मा द्वारा किया गया। मंदिर परिसर में चमड़े या रबर से निर्मित जूता-चप्पल प्रतिबंधित है। अधिकारियों ने बताया कि खड़ाऊं को पहनकर डयूटी करना सभी के बस की बात नहीं है। इस परेशानी को देखते हुए पीएम मोदी ने कर्मचारियों को यह भिजवाया है। रविवार से काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। इसके साथ ही रविवार से मंदिर में थर्मल स्कैनिंग और हैंड सैनिटाइजेशन के बाद ही श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया। वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद से भारी भीड़ उमड़ रही है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर और जिला प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। अब भक्तों को बाहर से ही झांकी दर्शन कराया जाएगा। जलाभिषेक के लिए गर्भगृह के पास विशेष पात्र लगाए जाएंगे।

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