गोरखपुर से चुनाव प्रचार की दिशा तय कर गए मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर में मंगलवार की रैली में ‘लाल टोपी वाले यूपी के लिए रेड अलर्ट’ कहकर प्रदेश विधानसभा के चुनाव प्रचार की दिशा तय कर दी। भले ही उन्होंने अपने पुराने संकल्पों को पूरा करने और नए संकल्पों पर काम करने का संदेश देते हुए महंगाई पर सफाई दी।

उन्होंने अपनी और गैर भाजपा सरकारों के काम का अंतर समझाया और बीमारियों और बेरोजगारी से जूझते पूर्वांचल को इनसे उबारने एवं संवारने तथा लोगों की हर तरह की मुश्किलों को आसान करने के कामों के पूरा करने में डबल इंजन सरकार की भूमिका के महत्व का उल्लेख करते हुए एक बार फिर योगी सरकार की जरूरत लोगों को समझाई।

गोरखपुर रैली का मुख्य संदेश यही है कि चुनाव  में सरकार के काम के साथ समाजवादी पार्टी और उसके नेता अखिलेश यादव पर हमला भाजपा की मुख्य रणनीति होगी। उधर, जिस तरह अखिलेश ने मोदी के आरोप पर पलटवार किया है उससे भी यही संकेत निकल रहा है कि चुनाव समर में वार-पलटवार भाजपा व सपा में और तीखे होंगे।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि मोदी ने सपा को  मुख्य निशाने पर इसलिए नहीं लिया कि भाजपा उन्हें मुकाबले में समझ रही है। इसलिए लिया है कि क्योंकि इससे भाजपा को  घोटाला, आतंकवाद, अराजकता के सहारे मुद्दों को धार देकर अपने समीकरण दुरुस्त करने में ज्यादा आसानी रहेगी। यह रणनीति कितनी कारगर होगी, यह भविष्य बताएगा । पर, गोरखपुर की रैली से इतना जरूर साफ हो गया है कि भविष्य में चुनाव प्रचार की दिशा क्या होगी।

लोकसभा चुनाव 2014 के प्रचार के दौरान गोरखपुर खाद कारखाना की बंदी, पूर्वांचल में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली, बेरोजगारी को मुद्दा बनाने वाले मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री आज पुनर्निर्माण के बाद तैयार उस खाद कारखाने और गोरखपुर के आसपास के लोगों को विशिष्ट स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए निर्मित एम्स का लोकार्पण के सहारे संदेश दिए। उन्होंने लोगों के दिमाग में एक तरह से यह बात बैठाने की कोशिश की कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस बार भी जीत जरूरी क्यों है।

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