जिला कारागार में जानलेवा हमले के मामले में निरुद्घ बुजुर्ग बंदी की मौत

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जिला कारागार में जानलेवा हमले के मामले में निरुद्घ बुजुर्ग बंदी की मौत से आक्रोशित परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। घरवाले आठ सूत्रीय मांगों को पूरा करने की जिद पर अड़े रहे। डीएम-एसपी को मौके पर बुलाने की मांग करते रहे। एसडीएम लालगंज राहुल यादव ने किसी तरह उन्हें समझाकर शांत कराया। तब जाकर करीब 16 घंटे बाद घर के करीब शव को दफनाया गया। बवाल की आशंका को देखते हुए छह थानों की फोर्स तैनात रही।

संग्रामगढ़ थाना क्षेत्र के दिनऊ का पुरवा नेवढ़िया निवासी बुधई सरोज (60) व गांव के पंकज सिंह के बीच 6 जून को मारपीट हुई थी। जानलेवा हमले के मामले में पुलिस ने बुधई सरोज समेत 18 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। दूसरे पक्ष के खिलाफ मामूली धाराओं में रिपोर्ट दर्ज हुई थी।

संग्रामगढ़ पुलिस ने बुधई सरोज, उसके पौत्र सौरभ, शुभम समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था । छह अगस्त की रात जिला कारागार में बुधई सरोज की तबीयत बिगड़ गई। मेडिकल कॉलेज में डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शनिवार की रात बुधई का शव घर पहुंचते ही कोहराम मच गया।

बवाल की आशंका को देखते हुए छह थानों की फोर्स मौके पर मौजूद थी। रात में परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। परिजन हल्का दरोगा पर दर्ज मुकदमे से 14 लोगों का नाम निकालने के लिए तीन लाख रुपये लेने, 50 लाख आर्थिक मदद दिलाने, दूसरे पक्ष के लोगों पर दर्ज मुकदमे में धाराओं की बढ़ोतरी करने, गुजर-बसर के लिए पांच बीघा जमीन पट्टा देने, आवास के अलावा मौके पर डीएम व एसपी को बुलाने की जिद पर अड़े रहे। घरवालों ने समझाने पहुंचे सीओ लालगं जगमोहन को बैरंग लौटा दिया।

हल्का दरोगा पर भी परिजन आरोप लगाते रहे। रविवार दोपहर उपजिलाधिकारी लालगंज राहुल यादव मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। तब जाकर परिजन 16 घंटे बाद शव का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हुए। दोपहर करीब सवा दो बजे घर के बगल जेसीबी से गड्ढा खोदकर शव को दफनाया गया। तब जाकर पुलिस व प्रशासन ने राहत की सांस ली।

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