न्यायाधिकरण सुधार कानून को लेकर जताई नाराजगी,

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सुप्रीम कोर्ट की तरफ से न्यायाधिकरण सुधार कानून को लेकर नाखुशी जताए जाने के पांच दिन बाद शनिवार को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) और आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) में न्यायिक व तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति कर दी।

एनसीएलटी में आठ न्यायिक सदस्यों और 10 तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति की। न्यायिक सदस्यों में जस्टिस टी. रजनी (जज, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट), जस्टिस प्रदीप नरहरि देशमुख (पूर्व जज, बॉम्बे हाईकोर्ट), जस्टिस एस. रामाथिलागम (पूर्व जज, मद्रास हाईकोर्ट), धमेंद्र सिंह (पीठासीन अधिकारी, डीआरटी-3 दिल्ली), हरनाम सिंह ठाकुर (सेवानिवृत्त रजिस्ट्रार जनरल, पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट), पी. मोहन राज (सेवानिवृत्त जिला जज, सलेम, तमिलनाडु), रोहित कपूर (अधिवक्ता) और दीपचंद्र जोशी (जिला जज) शामिल हैं। केंद्र ने कहा कि इन सभी की नियुक्ति पांच साल या 65 साल की उम्र तक के लिए की गई है।

इसके अलावा आईटीएटी में 13 नए सदस्यों की नियुक्ति की गई है, जिनमें 6 न्यायिक सदस्य और सात अकाउंटेंट सदस्य हैं। इनमें चार न्यायिक सदस्य अनारक्षित श्रेणी के हैं, जबकि एक अन्य पिछड़े वर्ग और एक अनुसूचित जाति से है। अकाउंटेंट सदस्यों में पांच सामान्य वर्ग, एक अन्य पिछड़ा वर्ग और एक सुप्रीम कोर्ट श्रेणी से है। इनकी नियुक्ति अधिकतम चार साल या 67 साल की उम्र तक के लिए की गई है। आईटीएटी के न्यायिक सदस्यों में संजोय शर्मा (अधिवक्ता), एस. सीतालक्ष्मी (अधिवक्ता), शातिन गोयल (अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायधीश), अनुभव शर्मा (अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायधीश), टीआर सेंथिल कुमार (अधिवक्ता) और मनमोहन दास (लॉ ऑफिसर, भारतीय स्टेट बैंक) शामिल हैं।

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