पाकिस्तान के पास नहीं कोरोना वैक्सीन खरीदने के पैसे

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दुनिया भर में कोविड-19 महामारी से लोगों को निजात दिलाने के लिए टीकाकरण जारी है लेकिन पाकिस्तान आज भी फ्री की वैक्सीन के भरोसे है। एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल के अनुसार, यहां की सरकार अपने लोगों की सुरक्षा के लिए इस साल कोरोना वैक्सीन की खरीदारी नहीं करेगी।नेशनल हेल्थ सर्विसेज के सेक्रेटरी आमिर अशरफ ख्वाजा ने गुरुवार को पब्लिक अकाउंट्स कमेटी की ब्रीफिंग के दौरान यह जानकारी दी है कि इमरान सरकार फिलहाल कोरोना महामारी से निपटने के लिए हर्ड इम्यूनिटी और साथी देशों से मुफ्त में मिलने वाली कोरोना वैक्सीन पर निर्भर रहेगी। गौरतलब है कि जानलेवा बीमारी कोरोना से अपने देशवासियों को बचाने के लिए कई देश बड़ी संख्या में कोरोना की वैक्सीन खरीद रहे हैं, लेकिन इसके उलट पाकिस्तान टीकों की खरीदारी के बजाय अंतरराष्ट्रीय डोनर्स और चीन जैसे साथी देशों पर निर्भर रहेगा। वह इस ताक में है कि अन्य देश उसे मुफ्त में कोरोना के टीके मुहैया कराएं।लोकलेखा समिति (पीएसी) चेयरमैन राणा तनवीर हुसैन ने नेशनल हेल्थ सर्विसेज (एनएचएस) के सेक्रेटरी से पूछा कि क्या मुफ्त में मिलने वाली कोरोना वैक्सीन का इंतजार किया जा रहा है। इस पर उन्हें जवाब मिला कि पाकिस्तान को कोरोना की ज्यादा वैक्सीन नहीं खरीदनी पड़ेगी। गौरतलब है कि चीन की एक अन्य कंपनी भी पाकिस्तान में अपने टीके के तीसरे फेज का ट्रायल कर रही है। ऐसे में यह बात साफ है कि पाकिस्तान कोरोना वायरस के टीके के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और खासतौर पर चीन से भरोसे बैठा है।बता दें, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मेजर जनरल आमिर इकराम कहना है कि चीन द्वारा निर्मित कोरोना वैक्सीन के एक डोज की कीमत 13 डॉलर है। वहीं, एनएचएस के सेक्रेटरी ने जानकारी दी है कि चीन की फार्मास्यूटिकल कंपनी सिनोफार्म ने पाकिस्तान को कोरोना टीके की 10 लाख खुराक देने का वादा किया है। इनमें से पांच लाख खुराक पाकिस्तान को दे दी गई है। 

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