प्रमोशन की खुशी में तीन कत्ल

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जम्मू के फ्लायं मंडाला के गांव अलोरा में मंगलवार को हुए तिहरे हत्याकांड को लेकर हत्यारोपी पुलिसकर्मी के ससुराल वालों ने सड़क जाम कर उसे फांसी की सजा देने की मांग की। बता दें कि कांस्टेबल राजिंदर कुमार ने ससुराल जाकर पत्नी सीमा देवी, सास राज कुमारी और सुसर रमेश कुमार की सर्विस राइफल से गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। घर में मौजूद साले पर भी उसने गोली चलाई, लेकिन वह किसी तरह से बच गया। आरोपी ने अपनी सात साल की बेटी को भी गोली मारने की कोशिश की थी

हत्यारोपी के साले अविनाश का कहना है कि मां-बाप की तो हत्या कर दी गई है, बहन को भी मार डाला। अब उसका एक चार साल का भांजा और सात साल की भांजी है। अविनाश ने कहा कि दोनों की परवरिश कैसे होगी, क्योंकि न तो उसकी शादी हुई है और न ही उसके छोटे भाई की। दोनों भाई मजदूरी करते हैं तो इन बच्चों को किस तरह से पालेंगे। लिहाजा दोनों बच्चों के बालिग होने का सारा खर्च पुलिस महकमा उठाए और उनके बालिग होने के बाद सरकारी नौकरी दी जाए। साथ ही आरोपी के रिटायर होने तक उसका पूरा वेतन और अन्य लाभ उसके बच्चों को दिए जाएं।मतकों के परिजनों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आरोपी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि आरोपी को बीच सड़क पर खड़ा करके गोली मार दी जाए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो भविष्य में इस तरह की वारदातें होती रहेंगी। इस मांग को लेकर महिलाओं ने शवगृह के बाहर प्रदर्शन किया।हत्यारोपी के साले अविनाश ने बताया कि उसके जीजा का किसी युवती के साथ प्रेम प्रसंग है। जीजा उस युवती को लगातार फोन करता था और वाट्सएप पर चैटिंग भी करता था। यह बात बहन सीमा को पता चल गई थी। जीजा दूसरी शादी करना चाहता था, इसे लेकर वह उसकी बहन को पीटता भी था। महिला थाने में इसकी शिकायत भी की गई थी, लेकिन पुलिस ने भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। अविनाश ने बताया कि वारदात के वक्त उसका छोटा भाई राजिंदर घर में नहीं था। अन्यथा जीजा उसको भी मार देता।इस घटना को लेकर फ्लायं मंडाल में अब भी दहशत का माहौल है। मृतक दंपति के बेटे अविनाश का कहना है कि धोखे से उसके परिवार को मार दिया गया। उन्हें तो आरोपी ने यही कहकर फोन किया कि उसकी प्रमोशन हुआ है और मुबारकबाद देने के लिए आया है। अविनाश ने बताया कि मंगलवार शाम को ही वह अपनी बहन और बच्चों को ससुराल से लेकर आया था और रात को जीजा भी पहुंच गया। उसे शक तो हो गया था कि जीजा के दिमाग में कुछ चल रहा है, लेकिन वह इतना कुछ कर देगा, यह कभी नहीं सोचा था।हत्यारोपी के बच्चे अब भी दहशत में हैं। उनकी आंखों के सामने रह-रहकर दिल दहला देने वाली वारदात सामने आ रही है। बच्चों को अस्पताल भी नहीं लाया गया। उन्हें रिश्तेदारों के पास छोड़ा, ताकि वह सदमे से बाहर आ सकें।

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