बच्ची से दुराचार करने वाले को आजीवन कारावास

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लखनऊ। पुराने मुकदमे में गवाही देने की रंजिश के चलते गवाहों पर जानलेवा हमला कर घायल करने की आरोपी हरिशंकर, लवकुश एवं राधेलाल को गैंगस्टर एक्ट की विशेष न्यायाधीश रेखा शर्मा ने सात-सात साल कठोर कारावास व 15 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।
कोर्ट में विशेष लोक अभियोजक प्रशांत कुमार बाजपेई ने तर्क दिया था कि मामले की रिपोर्ट वादी अरुण कुमार यादव ने 11 अप्रैल 1996 को बंथरा थाने में दर्ज कराई थी। कहा गया था कि 26 नवंबर 1988 को वादी के भाई सिकंदर को लीलाखेड़ा के रामलाल, उनके भाई लवकुश व राधेलाल ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर गोली मार दी थी जिसमें 11 अप्रैल को गवाही होनी थी। इसी रंजिश के चलते जब वादी अपने भाई व पिता के साथ बंथरा से घर वापस आ रहा था। तभी पुराने भट्ठे के पास शाम करीब 5:30 बजे आरोपियों ने सरिया व लाठी से गंभीर चोटें पहुंचाई।
आरोप है कि इसके पहले इन तीनों आरोपियों ने वादी की बहन के ससुर की हत्या की थी जिसमें तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। कहा गया है कि आरोपियों का आपराधिक इतिहास है। यह लोग मिलकर कत्ल, डकैती व मारपीट करते हैं। इसके अलावा गांव के छेदा यादव के घर लूटपाट की थी जिसका मुकदमा चल रहा है। अदालत ने आरोपियों को हत्या के प्रयास एवं गिरोह बंद अधिनियम के आरोपों में दोषी पाते हुए कारावास एवं सजा से दंडित किया है।

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