उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के गांव असमया रफतपुर में कटान अब भी जारी है। बुधवार को चार और मकान गंगा में समा गए। इससे ग्रामीणों की बेचैनी और भी बढ़ गई है। उधर, बाढ़ खंड विभाग के आंकड़ों के अनुसार दस दिन पूर्व कछला में गंगा नदी का जलस्तर रिकॉर्ड 162 दर्ज किया गया था।
इसमें अब तक एक मीटर 40 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जलस्तर वृद्धि की यही दर रही तो आने वाले दिनों में यह खतरे के निशान 165 मीटर को भी पार कर सकता है। हालांकि गंगा अभी काफी नीचे बह रही है।
गंगा नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने ग्रामीणों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। पिछले तीन दिन से गांव में लगातार कटान का दौर जारी है। पहले दिनों यहां एक पक्का मकान गंगा में समा गया था। मंगलवार को तीन और कच्चे मकान गंगा में समा गए।
वहीं, बुधवार को उसैहत के छत्रपाल और रामभरोसे के पक्के मकान कटान की भेंट चढ़ गए। महावीर और रक्षपाल के कच्चे मकान भी गंगा में समा गए। लगातार हो रहे कटान ने लोगों की नींद उड़ा दी है।
ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी उनकी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। अगर अधिकारी उनकी बात मान लेते तो उन्हें इस परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। ग्रामीणों का कहना है गांव में लगातार कटान हो रहा है, लेकिन अब तक किसी भी अधिकारी ने गांव में आने तक की जहमत नहीं उठाई है। इससे ग्रामीणों में प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।
उधर, जलस्तर बढ़ने से नदी के किनारे के क्षेत्रों में लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है। दस दिन से गंगा के जलस्तर में 1.40 मीटर की बढ़ोतरी दर्ज की है। इसके कारण प्रभावित इलाकों के लोग खौफजदा हैं।