लखनऊ
बीजेपी अगले महीने से उत्तर प्रदेश में आक्रामक चुनाव अभियान शुरू करने जा रही है। अगले महीने पार्टी 4 ‘परिवर्तन यात्रा’ शुरू करने वाली है। यह परिवर्तन यात्राएं 100 से ज्यादा दिनों तक चलेंगी और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी हिस्सा लेने की संभावना है। पितृ पक्ष के बाद बीजेपी इन यात्राओं को शुरू करेगी।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि ये चारों यात्राएं सहारनपुर, ललितपुर, सोनभद्र और बलिया या गोरखपुर से शुरू की जाएंगी और लखनऊ में आकर एक जगह खत्म हो जाएंगी। बीजेपी की परिवर्तन यात्राओं में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और कई केंद्रीय मंत्री भी हिस्सा लेंगे। यात्रा के दौरान ये नेता रैलियां भी करेंगे। बीजेपी की योजना हर जिले में युवाओं और महिलाओं के लिए अलग-अलग एक-एक रैली करने की है। बीजेपी ने परिवर्तन यात्रा में यूपी की अनुमानित कुल 52,000 पंचायतों और सभी बूथों को कवर करने का लक्ष्य रखा है।
यूपी चुनाव में बीजेपी को एसपी और बीएसपी से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ेगा, जिनके पास सूबे में अखिलेश और मायावती जैसे मजबूत चेहरे हैं। लेकिन बीजेपी की तरफ से यूपी में किसी नेता को सीएम कैंडिडेट के तौर पर प्रॉजेक्ट करने की संभावना नहीं है। पार्टी के अपने सांगठनिक मशीनरी और केंद्रीय नेतृत्व का भरोसा है।
बीजेपी के एक नेता ने कहा, ‘विकास का एजेंडा, मोदी सरकार का अच्छा काम और एसपी व पिछली मायवती सरकार का कुशासन हमारे अभियान के केंद्र में है। अब तक का नजरिया यह है कि मुख्यमंत्री पद के लिए हमारे पास चेहरा नहीं होगा।’ दलितों का एक बडा तबका मायावती के साथ है, जबकि यादवों और बडी संख्या में मुस्लिमों का एक तबका एसपी का समर्थन कर रहा है। ऐसे में बीजेपी राज्य में चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए सवर्ण जातियों और अन्य पिछडी जातियों का एक सामाजिक गठबंधन बनाने पर काम कर रही है। बीजेपी उत्तर प्रदेश में पिछले 14 साल से सत्ता से बाहर है।
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