मरीजों के शरीर में ही आकार ले रहे कोरोना के नए वैरिएंट

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वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के पीछे के रहस्य को समझने का दावा किया है। उनका मानना है कि कोरोना वैरिएंट संक्रमित शख्स के शरीर में ही बढ़ते हैं और आकार लेते हैं।

हैदराबाद में सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) सहित कई शोध संस्थानों के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के पीछे के रहस्य को समझने का दावा किया है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस एक संक्रमित शख्स के शरीर में परिवर्तन से गुजरता है और एक बार यह हो जाने के बाद यह अपने साथ परिवर्तन करने वाले नए लोगों को संक्रमित करता है। इसके जरिये ही नए वैरिएंट बनते हैं।

सीसीएमबी के अलावा, इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (सीएसआईआर-आईजीआईबी), दिल्ली, इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज, भुवनेश्वर, एकेडमी फॉर साइंटिफिक एंड इनोवेटिव रिसर्च, गाजियाबाद, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, नई दिल्ली और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के शोधकर्ता, जोधपुर के शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में भाग लिया। टीम ने पाया कि व्यक्तियों में लगभग 80 प्रतिशत जीनोम बाद में नए वैरिएंट के रूप में सामने आए।

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