उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का आज एलान हो जाएगा। चुनाव के एलान से पहले ही सत्ता के इस संग्राम में सभी राजनीतिक दल कूद चुके हैं। नेताओं के वादों और भाषणों पर नजर डालें तो एक बात साफ है कि चुनाव के केंद्र में महिलाएं और युवा हैं। नेता इन्हीं को ध्यान में रखकर वादों की बौछार कर रहे हैं। सब के अपने-अपने दावे हैं। इस बीच ये जानना भी जरूरी है कि जिनके लिए ये दावे और वादे हो रहे, उनका क्या सोचना है? वे क्या चाहते हैं? नेताओं से उनकी क्या उम्मीदें हैं?45 दिन, 45 जनपद और छह हजार किलोमीटर की यात्रा। उत्तर प्रदेश की चुनावी नब्ज टटोलने के लिए ‘अमर उजाला’ के चुनावी रथ ‘सत्ता का संग्राम’ ने इस सफर को पूरा किया। 11 नवंबर को गाजियाबाद से निकला ये चुनावी रथ 30 दिसंबर को नोएडा में थमा।
शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों से हुई थी। यहां से ब्रज, अवध, पूर्वांचल और फिर बुंदेलखंड के जिलों को इस चुनावी रथ ने कवर किया। इस बीच, अलग-अलग जिलों की 982 महिलाओं से चुनावी मुद्दों पर बात हुई। महिला सुरक्षा, रोजगार, विकास, साफ-सफाई समेत कई मुद्दों पर महिलाओं ने खुलकर अपनी बात रखी। गाजियाबाद, मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, मैनपुरी, एटा, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, हाथरस, अलीगढ़, बुलंदशहर, लखनऊ, अयोध्या, गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, वाराणसी, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अमेठी, रायबरेली, फतेहपुर, चित्रकूट, बांदा, महोबा, झांसी, हमीरपुर, कानपुर, उन्नाव और नोएडा तक अमर उजाला का चुनावी रथ पहुंचा।45 जिलों में ‘आधी आबादी से चर्चा’ कार्यक्रम हुआ। इसमें 1200 से ज्यादा महिलाओं ने शिरकत की, जबकि 982 ऐसी महिलाएं थीं, जिन्होंने चुनावी मुद्दों पर अपनी बात रखी। महिलाओं ने मौजूदा हालात के बारे में बताया। उन कार्यों के बारे में बताया, जिनसे वे खुश हैं और उन मुद्दों से भी रूबरू कराया, जिनसे वे नाराज हैं