18 जनवरी को अंकित और उसके ममेरे भाई अक्षय के खिलाफ अनुसूचित जाति की किशोरी के अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और एससीएसटी एक्ट की एफआईआर डिडौली कोतवाली में दर्ज हुई थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो हत्याकांड से पर्दा उठ गया। करीब सौ मीटर की दूरी पर हत्यारोपी भाई नेहा चौधरी के साथ घटना स्थल की ओर जाते देखा गया। इसके बाद पुलिस ने हत्यारोपी छोटे सगे भाई अंकित चौधरी को गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर खून से सने कपड़ों को कल्याणपुरा बाईपास से हमीदपुरा के पास झाड़ियों से बरामद किया है।
उन्होंने बताया कि नेहा चौधरी करीब चार वर्ष से वेस्ट लक्ष्मी नगर दिल्ली में किराए के मकान में रहकर नोएडा में नौकरी करती थी। हत्यारोपी छोटा भाई उसके पास आता-जाता था।
किशोरी ने न्यायालय में अपने बयानों में दोनों आरोपियों के नाम लिए थे। जेल जाने के डर से अंकित ने बड़ी बहन नेहा चौधरी की हत्या कर किशोरी के परिजनों पर क्रॉस केस लिखवाने की पटकथा लिख डाली थी।
उसने नेहा चौधरी को फोन कर किशोरी के परिजनों से सुलह-समझौते की झूठी कहानी बताई। समझौते के दौरान नेहा का वहां रहना जरूरी बताया था। षड्यंत्र के तहत अंकित चौधरी सात फरवरी को टैक्सी स्टैंड से कार बुक कर बहन को लेने दिल्ली पहुंचा।
जोया रोड पर अमरोहा ग्रीन कॉलोनी से थोड़ा पहले पुलिस से बचने का बहाना बनाकर अंकित ने कार रुकवा ली और बाद में पैदल ही नेहा को हिल्टन कॉनवेंट स्कूल के निकट एक खाली प्लाट में ले गया। पहले तो जेब में रखे फीते से गला दबाने की कोशिश की।
बाद में नेहा चौधरी के जमीन पर गिरते ही सिर पर ईंट से दो-तीन वार किए। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। बाद में हत्यारोपी भाई आवास विकास कालोनी स्थित अपने रिश्तेदार के घर जाकर सो गया।