मुख्यमंत्री योगी ने बताया, पांच साल में नहीं पूरा हो पाया ये काम,

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मुख्यमंत्री योगी ने आवारा गोवंश की समस्या पर कहा कि 2017 में पहला फैसला बूचड़खानों को बंद करने का किया था। अवैध बूचड़खानों में निराश्रित गोवंश काटे जाते थे। तमाम अवैध गतिविधियां संचालित हो रही थीं। तस्करी भी रोकी। फिर गोवंश के संरक्षण के लिए सरकार तीन स्कीम लेकर आई। पहली, निराश्रित गो आश्रय स्थल की। इसमें सरकार गोशालाओं का सफलतापूर्वक संचालन कर रही है। दूसरी सहभागिता योजना। इसमें कोई भी किसान 4 गोवंश अपने यहां रख सकता है। हर गोवंश पर उसे 900 रुपये मिलते हैं। तीसरा पोषण मिशन के अंतर्गत है। इसमें कुंवारी कन्या, गर्भवती महिला आदि हैं और उनके पास कोई व्यवस्था नहीं है तो ऐसे परिवार को हम एक गाय देते हैं और उसके खर्च के लिए 900 रुपये महीना देते हैं। इससे वह गाय की सेवा कर सकती हैं। आठ लाख गोवंश इस समय गोशालाओं में हैं या सहभागिता योजना या पोषण मिशन के अंतर्गत हैं। हम अन्नदाता किसानों के सम्मान और समृद्धि के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हम न गाय कटने देंगे और न ही अन्नदाता की फसल नष्ट होने देंगे। इस संकल्प के साथ काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी अभियान और अपनी सरकार में किए गए विकास कार्यों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का भी जवाब दिया। ऐसे कौन से काम हैं, जो आप 5 साल में नहीं कर पाए?
पूछे जाने मुख्यमंत्री योगी कहते हैं कि हम यूपी को एक नंबर वन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए  प्रतिबद्ध हैं। सकी कार्ययोजना बनाकर लागू की है। इसमें समय लग सकता है। किन, सरकार यूपी को नंबर एक की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए जिस तरह प्रयास कर रही है, हम बहुत जल्द यह लक्ष्य प्राप्त करेंगे।मुख्यमंत्री योगी ने ये पूछने पर कि आप 80-20 पर चुनाव की बात करते हैं। सबका साथ-सबका विकास में ये 20 फीसदी क्यों नहीं आ पाते हैं? कहा कि हमारे संकल्प में सबका साथ और सबका विकास एक मूल मंत्र है। देश के सर्वांगीण विकास और प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में खुशहाली लाने का लक्ष्य है। लेकिन, कुछ लोग होते हैं जिन्हें विकास अच्छा नहीं लगता। गरीबों का कल्याण, इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास अच्छा नहीं लगता। शांति व सौहार्द अच्छा नहीं लगता। गरीबों व असहायों के हक पर डकैती डालना अपना अधिकार समझते हैं। कमजोरों का शोषण करना, व्यापारियों का उत्पीड़न करना, सरकारी संपत्तियों पर कब्जे करना, अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं। हमारी सरकार अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करती है। आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा।

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