यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसों को रोकने में नाकाम जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ एफआईआर दर्ज

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यमुना एक्सप्रेसवे पर मथुरा जिले में मंगलवार को हुए हादसे में कार सवार सात लोगों की मौत हो गई थी। यमुना प्राधिकरण का मानना है कि अगर इस जगह सेंट्रल वर्ज पर क्रैश बैरियर लगे होते तो यह हादसा टल सकता था। मामले में  सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के निर्देश पर यमुना प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक व यमुना एक्सप्रेसवे के नोडल अफसर विशेष कुमार त्यागी की तरफ से बुधवार को बीटा टू कोतवाली में तहरीर दी।

यमुना प्राधिकरण का कहना है कि यमुना एक्सप्रेसवे पर हो रहे हादसों को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेफ्टी ऑडिट कराई गई थी। जिसमें कई सुझाव दिए गए थे। अहम है कि दिवालिया होने पर जेपी इंफ्राटेक का बोर्ड भंग हो गया। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल ने कंपनी में आईआरपी अनुज जैन को नियुक्त किया। सुरक्षा उपायों को पूरा कराने के लिए आईआरपी से कई बार बात की गई। हर बार आश्वासन दिया गया। 

यमुना एक्सप्रेसवे पर मथुरा जिले में मंगलवार को हुए हादसे में कार सवार सात लोगों की मौत हो गई थी। यीडा का मानना है कि अगर इस जगह सेंट्रल वर्ज पर क्रैश बैरियर लगे होते तो हादसे को रोका जा सकता था। यीडा ने आए दिन हो रहे हादसों के लिए आईआरपी अनुज जैन और गठित की गई प्रबंधन समिति को दोषी माना है।

थाना बीटा-2 में दी गई तहरीर में प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक व यमुना एक्सप्रेसवे के नोडल अधिकारी वीके त्यागी ने कहा है कि एक्सप्रेसवे का संचालन करने वाली कंपनी के एनसीएलटी में जाने से जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड का बोर्ड भंग हो गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए अनुज जैन को आईआरपी नियुक्त कर दिया। साथ ही प्रबंधन समिति गठित कर दी थी। अब कामकाज यही देख रहे हैं। 

करीब ढाई साल पहले प्राधिकरण ने यमुना एक्सप्रेसवे का सुरक्षा ऑडिट कराया था। जिसमें आईआईटी दिल्ली ने कई सुरक्षा उपायों को अपनाने की सलाह दी थी। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने भी इन उपायों को अपनाने के लिए कहा था। यमुना प्राधिकरण ने इसके लिए कई बार बैठक की और निर्देश दिए। बीते 4 जनवरी को भी बैठक हुई, लेकिन इन सुझावों पर अमल नहीं किया गया। प्राधिकरण के पूछने पर हर बार लापरवाही बरतते हुए कोई न कोई बहाना बनाकर टालमटोल कर दिया गया।

अगर एक्सप्रेसवे से मिल रहे टोल के पैसे ही सुरक्षा उपायों में लगाया जाता तो भी इस तरह के हादसों को रोका जा सकता था। तहरीर में बताया गया है कि मंगलवार रात मथुरा जिले में जो हादसा हुआ है, अगर डिवाइडर में क्रैश बैरियर लगे होते तो गाड़ी दूसरी लेन में नहीं जाती। ऐसे में हादसा रुक सकता था। यह यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। 

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