यूक्रेन में फंसी बेटी को वापस लाने PMO के नाम पर कॉल कर 42 हजार रुपये की धोखाधड़ी

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विदिशा जिले की रहने वाली वैशाली विल्सन यूक्रेन में फंसी अपनी बेटी को वापस लाने के लिए परेशान हैं। उन्हें मदद तो नहीं मिल रही, लेकिन उनकी बेबसी और लाचारी का फायदा जरूर उठाया जा रहा है। हाल ही में उनके साथ पीएमओ के नाम पर धोखाधड़ी हुई और टिकट के नाम पर 42 हजार रुपये ठग लिए गए। 

वैशाली विल्सन ने बताया कि बुधवार दोपहर में उनके पास प्रिंस नाम के एक व्यक्ति का फोन आया। उसने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय में पर्सनल असिस्टेंड बताया। उसने यूक्रेन से उनकी बेटी और उसकी एक सहेली को वापस लाने की बात कही और टिकट के पैसे जमा कराने के लिए अकाउंट नंबर दे दिया। 

बेटी को वापस लाने के लिए वैशाली ने अकाउंट में 21 हजार रुपये प्रति टिकट के हिसाब से दो टिकट के लिए 42 हजार रुपये ट्रांसफर किए थे। 24 घंटे बाद भी टिकट के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिलने पर वैशाली ने पीएमओ में संपर्क किया, जहां से पता चला कि वहां प्रिंस नाम का कोई कर्मचारी काम नहीं करता। वहीं, प्रिंस नाम के व्यक्ति ने फोन करने पर टिकट के नाम पर बात टाल दी, जिसके बाद उन्हें ठगी का शक हुआ और वो एफआईआर कराने पुलिस थाने पहुंची, लेकिन उनकी एफआईआर नहीं लिखी गई। पुलिस ने शिकायती आवेदन लिया है साथ ही पुलिस ने सायबर पुलिस से जांच कराने के बाद एफआईआर दर्ज करने की बात कही है।सृष्टि की मां की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। वो जल्द से जल्द अपनी बेटी को वापस वतन लाना चाहती हैं, लेकिन शासन से लेकर प्रशासन तक उनकी मदद नहीं कर पा रहा है। वैशाली विल्सन ने सीएम हेल्पलाइन में बेटी को वापस लाने की शिकायत की थी, जिसके जवाब में फोन कॉल पर महिला अधिकारी ने उन्हें यूक्रेन के थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी थी। सीएम हेल्पलाइन का कहना था कि यहां सिर्फ खसरा-खतौनी और नाले-नालियों की साफ-सफाई की शिकायत की जाती है। यूक्रेन के थाने में जाकर शिकायत कीजिए, यहां आप की सुनवाई नहीं होगी। 

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