उत्तर प्रदेश में होमगार्डों की ड्यूटी नेशनल इनफार्मेशन सेंटर (एनआईसी) से लगती है। रोजाना 716 रुपये ड्यूटी भत्ता मिलता है। जनवरी 2022 से दैनिक भत्ता तीन फीसदी बढ़कर 796 रुपये हो जाएगा। जिन होमगार्डों की ड्यूटी एनआईसी से लगती है, उन सबको पूरे महीने काम भी मिलता है। इस हिसाब से उन्हें प्रतिमाह करीब 23,880 रुपये मानदेय मिलने लगेगा।
नियमानुसार, 15 हजार रुपये के मूल वेतन पर ही पीएफ कटौती का प्रावधान है। इसका संज्ञान लेकर ही क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने होमगार्डों के पीएफ कटौती का निर्देश दिया है। उनका कहना है कि सरकारी व गैर सरकारी संस्थान भविष्य निधि के दायरे में आते हैं। होमगार्डों व उनके परिजनों को सामाजिक सुरक्षा नहीं मिली है। अब पीएफ कटौती जरूरी हो गई है।
सेवा के दौरान मृत्यु होने पर फैमिली पेंशन (पत्नी को आजीवन व दो बच्चों को 25 वर्ष की उम्र तक)।
मृत्यु की दशा में आश्रित परिजनों को न्यूनतम 1000 व अधिकतम 37500 रुपये प्रतिमाह की दर से पेंशन का भुगतान।
मृत्यु के बाद आश्रित परिजनों को इंप्लाइज डिपॉजिट लिंक इंश्योरेंस (एडीएलआई) के सात लाख रुपये मिलते हैं।
बेटी की शादी, बच्चों की पढ़ाई, इलाज व भवन निर्माण के लिए पीएफ से एडवांस की व्यवस्था।
होमगार्ड कड़ी मेहनत करते हैं। दिनभर चौराहों पर ड्यूटी व पेट्रोलिंग में रहते हैं। इसके बावजूद सामाजिक सुरक्षा के दायरे में नहीं हैं। 15 हजार रुपये के मूल वेतन पर पीएफ कटौती का नियम है। इन सबका मानेदय से 1800 रुपये पीएफ काटा जाएगा। इतनी ही धनराशि राज्य सरकार को जमा करनी है। पीएफ कटौती के लिए निर्देशित किया गया है। इसका अनुपालन जल्द ही सुनिश्चित कराया जाएगा। हमारा मकसद होमगार्डों को सामाजिक सुरक्षा दिलाना है।