यूपी में बिजली बिल जमा कराने के नाम पर ठगी,

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ख्वाजा नंगला गांव के किसान विनोद पुत्र रामपाल से एक दलाल ने बिजली का बिल जमा करने के नाम पर 45 हजार रुपये ऐंठ लिए और उसे फर्जी जमा रसीद थमा दी। बिल जमा न होने पर ऊर्जा निगम की टीम विनोद के घर पर विद्युत कनेक्शन काटने पहुंची तो मामला उजागर हुआ। विनोद ने आरोपी के खिलाफ छपरौली थाने पर मामला दर्ज कराया है।

केस नंबर दो
रठौड़ा गांव के किसान जयपाल की ट्यूबवेल का बिल लगभग 1. 26 लाख रुपये था। बिल जमा कराने के नाम पर ऊर्जा निगम में सक्रिय एक दलाल ने जयपाल से 54,650 रुपये ऐंठ लिए और उसे फर्जी जमा रसीद थमा दी। टीम जब जयपाल का विद्युत कनेक्शन काटने उसके घर पहुंची तो मामला उजागर हुआ।

केस नंबर तीन
ख्वाजा नंगला गांव के किसान बिजेंद्र पुत्र रामधन से बिजली का बिल जमा करने के नाम पर 90 हजार रुपये ऐंठ लिए गए और उसे भी ऊर्जा निगम की फर्जी जमा रसीद थमा दी गई। अब किसान परेशान है, क्योंकि एक ओर जहां किसान के साथ ठगी हुई है, वहीं विभाग बिल जमा कराने का दबाव बना रहा है।

केस नंबर चार
जनपद शामली के गांव किवाना के रहने वाले दीपक बड़ौत नगर मेेें एक फैैक्ट्री में काम करता है। उसे भी जनपद बागपत के एक दलाल ने 20 हजार रुपये बिल जमा कराने के नाम पर ऐंठ लिए। 

मामले की जांच शुरू, एसडीओ व अवर अभियंताओं को निर्देश जारी
एक्सईएन प्रथम गोपाल सिंह बिजली बिल जमा कराने के नाम पर उपभोक्ताओं से ठगी का प्रकरण संज्ञान में आया है, जिसकी जांच शुरू कर दी गई है। इस संबंध में सभी एसडीओ व अवर अभियंताओं को निर्देशित किया गया है कि उपभोक्ताओं से ठगी का मामला संज्ञान में आते ही विभागीय स्तर पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया जाए। उन्होंने उपभोक्ताओं से भी अपील की कि सीधे बिजली दफ्तरों के काउंटर पर बिल जमा कराने आए, किसी के बहकावे में बिल्कुल ना आए। 

ऐसे समझे असली और फर्जी रसीद में अंतर
एक्सईएन प्रथम गोपाल सिंह ने बताया कि असली जमा रसीद में केवल उपभोक्ता का नाम दर्शाया जाता है, उसके आगे गांव या अन्य कुछ नहीं लिखा होता है। जबकि फर्जी जमा रसीद में उपभोक्ताओं के नाम के आगे कई नाम अंकित दर्शाएं गए है, जोकि गलत व फर्जी है। असली जमा रसीद में कुल देय राशि, प्राप्त धनराशि के बाद बकाया राशि दर्शाई जाती है, चाहे एक पैसा हीं क्यों ना हो। मगर, फर्जी रसीद में ऐसा नहीं है।

बकाया राशि को शून्य दर्शाया गया है। जैसे जयपाल का कुल देय राशि 126379 है, प्राप्त धनराशि 54650 है, ऐसे में बकाया राशि 71729 होनी चाहिए, जबकि बकाया राशि शून्य दर्शाई गई है। इसके अलावा जिस क्षेत्र या गांव का बिल होगा, उससे संबंधित डिविजन यानी खंड का नाम जमा रसीद के ऊपर अंकित होगा, लेकिन फर्जी रसीद में ऐसा नहीं है। इसमें उपभोक्ता अलग गांव का है और खंड दूसरे क्षेत्र का दर्शाया गया है।

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