शताब्दी एक्सप्रेस में 180 के खानपान के वसूल रहे 385 रुपये,

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रेलवे स्टेशनों और अन्य ट्रेनों में जो खाना 180 रुपये में उपलब्ध है, उसके शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रियों से 385 रुपये में वसूले जा रहे हैं। हाल ही में शताब्दी के कैटरिंग चार्ज में गुपचुप बढ़ोत्तरी की गई है। अब चेयरकार में इसके 275 रुपये और एग्जीक्यूटिव व अनुभूति क्लास में इसके 385 रुपये वसूले जा रहे हैं, जो बेस फेयर का 35 प्रतिशत तक है। इन सभी श्रेणियों में एक ही खाना दिया जाता है। न तो खाने की मात्रा में अंतर है, न मेन्यू में। भारी भरकम कैटरिंग चार्ज के कारण शताब्दी का किराया तेजस से भी ज्यादा हो गया है।

कोरोना के चलते ट्रेनों बंद चल रहीं पैंट्री सेवा हाल ही में शुरू की गई हैं। रेलवे ने दिसंबर में चुपचाप शताब्दी की कैटरिंग महंगी कर दी।  लखनऊ जंक्शन से नई दिल्ली के बीच चलने वाली इस ट्रेन में औसतन 1200 यात्री सफर कर रहे हैं। लौटने वाली ट्रेन में भी लगभग इतने ही यात्री सफर कर रहे हैं। इस तरह तबसे अब तक 21.60 लाख यात्रियों ने सफर किया। पुरानी दर के मुकाबने बढ़ी हुई नयी दर के आधार पर रेलवे को प्रति सवारी 150 रुपये की अतिरिक्त कमाई हो रही है, जो मौजूदा पैसेंजर लोड के हिसाब से प्रति माह 12 करोड़ रुपये बैठती है। की कमाई हो चुकी है।

यह तो लूट है
दैनिक यात्री एसोसिएशन केअध्यक्ष एसएस उप्पल ने बताया कि रेलवे यात्रियों से लूट में लगी हुई है। नवम्बर, 2019 में आईआरसीटीसी ने शताब्दी, दूरंतो, राजधानी में नए कैटरिंग रेट लागू करने की घोषणा की थी, जिसकी दरें अप्रैल, 2020 से लागू की जानी थीं। पर, कोरोना की वजह से यह नहीं किया जा सका। पॉलिसी के अनुसार एग्जीक्यूटिव क्लास की कैटरिंग 245 रुपये तय की गई थी, जबकि चेयरकार की 185 रुपये। जोकि पहले 185 व 165 रुपये हुआ करती थी। लेकिन रेलवे ने नई दरों से भी महंगे रेट पर खानपान सेवा शुरू की। इसे 275 रुपये व 385 रुपये कर दिया।

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