संदीप गुप्ता हत्याकांड

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एटा के अलीगंज निवासी कारोबारी संदीप गुप्ता 30 साल में सीमेंट कारोबार के शिखर पर पहुंचे थे। पुश्तैनी व्यापार कपड़े का था, लेकिन संदीप ने सीमेंट कारोबार का रास्ता चुना था। एजेंसी से सफर शुरू कर वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सीमेंट के बड़े सप्लायर बन गए। परिजनों का कहना है कि उनकी कामयाबी पर न जानें किसी नजर लगी कि संदीप की जान ले ली गई। 

अलीगढ़ में सोमवार शाम को कार सवार हमलावरों ने संदीप गुप्ता की हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड से एटा और अलीगंज के लोग स्तब्ध हैं। व्यापारियों में आक्रोश है। व्यापारियों ने संदीप गुप्ता हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द हत्यारों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो व्यापारी वर्ग आंदोलन करेगा। 
संदीप गुप्ता के बाबा बांकेलाल गुप्ता का कपड़े का व्यापार था, जिसे पिता रामप्रकाश गुप्ता ने भी आगे बढ़ाया। चार भाइयों में दूसरे नंबर के संदीप गुप्ता ने युवा अवस्था में ही कुछ अलग करने की ठान ली थी। इसके लिए उन्होंने सीमेंट के कारोबार का रास्ता चुना।

संदीप गुप्ता ने 1990 में स्थानीय तौर पर एक सीमेंट एजेंसी ली। धीरे-धीरे कर अन्य कंपनियों की एजेंसी भी ले लीं। इसके बाद एजेंसी से डीलर और स्टॉकिस्ट बन अन्य लोगों को सीमेंट की सप्लाई करने लगे। सिलसिला यहीं नहीं रुका, मंडल और वेस्ट व ईस्ट यूपी में भी वह सुपर स्टॉकिस्ट के रूप में लगातार आगे बढ़ते गए।
संदीप गुप्ता ने टांसपोर्ट का कारोबार भी किया। उनके 100 से अधिक ट्रक संचालित हैं। एटा में बन रही जवाहर तापीय परियोजना में उनके द्वारा काफी निर्माण सामग्री की आपूर्ति की जा रही थी। वह अपनी मेहनत और लगन के बलबूते करोड़पति से अरबपति बन गए।

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