सॉल्वर गैंग का भंडाभोड़

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बीएचयू की छात्रा जूली और उसकी मां बबिता को पैसे का लालच देकर गिरोह ने फंसाया। सरगना पटना का पीके और माहिर खिलाड़ी मऊ मुहम्मदाबाद गोहना निवासी ओसामा शाहिद, खगड़िया निवासी विकास सिंह, जूली का पिता मुन्ना और त्रिपुरा की रहने वाली अभ्यर्थी हिना विश्वास की तलाश में कमिश्नरेट पुलिस की चार टीमें गठित हुई हैं।

बेटी-मां से पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली कि गिरोह में दो टीमें काम करती है, लेकिन कमान पीके के हाथ में ही रहती है। केजीएमयू में अंतिम वर्ष के छात्र ओसामा शाहिद का काम मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों की सूची सॉल्वर गिरोह को उपलब्ध कराना होता है। अब तक कई अभ्यर्थियों को सेट कर चुका है। एक टीम रईस अभ्यर्थियों को तलाशती है तो दूसरी टीम कोचिंग सेंटर से फेल हुए बच्चों का ब्योरा निकाल उनसे संपर्क साधती है।सॉल्वर गैंग के सरगना पटना के पीके और गैंग में नए लड़कों को शामिल कराने वाले मऊ के मुहम्मदाबाद गोहना निवासी ओसामा शाहिद पिछले दो-तीन साल से जुड़े हुए हैं। पटना में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले खगड़िया निवासी विकास महतो के जरिए बीएचयू छात्रा जूली को गैंग में शामिल किया गया।

चंद रुपये की लालच और जल्द ही तरक्की की सीढ़ी चढ़ने के आतुर ओसामा और विकास ने छात्रा जूली के भाई अभय के जरिये मां बबिता से संपर्क किया और उन्हें रातों रात अमीर बनने का ख्वाब दिखाया। बेटी का स्वर्णिम कॅरियर दाव पर लगाते हुए फर्जीवाड़े के इस दलदल में कदम रख दिया। सारनाथ थाने में फूट-फूटकर मां और बेटी रो रही थी। बेटी को डॉक्टर बनाने का सपना देखी रही मां ने रोते हुए पुलिसकर्मियों से कहा कि पता नहीं था कि इस मुसीबत में फंस जाएंगे।

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