हिंदुओं-सिखों को भी मुस्लिम-ईसाई जैसे मिले धार्मिक स्थलों के रखरखाव का हक

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सुप्रीम कोर्ट में एक नई जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती के लिए समान नियम की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि देश के हिंदू मंदिरों पर अथॉरिटी का नियंत्रण है, जबकि अन्य समूहों को अपने संस्थानों का प्रबंधन करने की अनुमति है।

याचिका में यह निर्देश देने की मांग की गई है कि हिंदुओं, जैनियों, बौद्धों और सिखों को भी मुस्लिम, पारसी और ईसाइयों की तरह धार्मिक स्थलों की स्थापना, प्रबंधन और रखरखाव के समान अधिकार है।

स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती द्वारा दायर इस याचिका में यह घोषित करने की भी मांग की गई है कि हिंदुओं, जैनियों, बौद्धों और सिखों को मुस्लिम, ईसाई और पारसियों जैसे अपने धार्मिक स्थानों की चल-अचल संपत्ति के स्वामित्व, अधिग्रहण और प्रशासन के समान अधिकार हैं।

याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 26 व 27 धार्मिक मामलों के प्रबंधन के मामले में धर्मों के बीच किसी तरह के भेदभाव की गुंजाइश नहीं छोड़ता।

इससे पहले, इसी तरह की एक याचिका वकील व भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर की गई थी, जिसमें धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती के लिए समान संहिता की मांग की गई थी और देशभर के हिंदू मंदिरों पर अथॉरिटी के नियंत्रण का हवाला दिया गया था।

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