नए अधिनियम में नाबालिग के वाहन चलाते पकड़े जाने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना और गाड़ी मालिक को तीन साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही वाहन का पंजीयन भी निरस्त होगा।
अब तक नाबालिग के वाहन चलाने पर कोई जुर्माना नहीं था। इसी तरह इमरजेंसी वाहन (एंबुलेंस आदि) को रास्ता न देने पर अब तक कोई जुर्माना नहीं था। लेकिन अब ऐसे वाहन को रास्ता न देने पर सीधे 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना होगा। बिना हेलमेट वाहन चलाने पर पर अब 500 रुपये की जगह 1000 रुपये जुर्माना वसूलने के साथ ही तीन माह के लिए ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) भी निलंबित होगा।
परिवहन मंत्रालय का मानना है कि ज्यादा जुर्माना की वजह से लोग ट्रैफिक नियमों का पालन पहले के मुकाबले ज्यादा करेंगे। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। इसके लिए अभियान चलाकर नियमों को तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश में वाहनों का जांच अभियान दो सितंबर से चलेगा
इस पर अपर आयुक्त (राजस्व), परिवहन विभाग का कहना है कि केंद्र सरकार ने मोटर यान संशोधन अधिनियम की अधिसूचना जारी कर दी है। यूपी में अधिसूचना स्वत: लागू हो जाएगी। इससे यूपी सहित पूरे देश में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर अब लोगों को नई दर के हिसाब से जुर्माना भरना होगा।
1 सितंबर से प्रभावी जुर्माने की दर
उल्लंघन की श्रेणी–जुर्माना पहले–अब
हेलमेट न लगाना–500–1000
ड्राइविंग के समय मोबाइल पर बातचीत–1000–5000
डीएल न होने पर–500–5000
परमिट बगैर ड्राइविंग–5000–10,000
शराब पीकर वाहन चलाने पर–2000–10,000
निरस्त डीएल लेकर चलने पर–500–10,000