4 डिग्री सेल्सियस लुढ़का पारा,

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अयोध्या। जनवरी माह में पड़ रही कड़ाके की ठंड के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। रविवार को न्यूनतम तापमान लुढ़क कर चार डिग्री सेल्सियस पहुंच गया तो लोग कांप उठे।
सुबह कम दृश्यता के चलते सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए। कोहरे के चलते रेल व सड़क यातायात पर भी असर दिखा। अयोध्या रेल मार्ग से गुजरने वाली तीन ट्रेनें अप व डाउन किसान एक्सप्रेस व कैफियत एक्सप्रेस ट्रेन कोहरे के चलते निरस्त कर दी गई।
ठंड का असर फसलों पर भी पड़ना शुरू हो गया है। शीतलहर व कोहरे से आलू की फसल में झुलसा रोग लगना शुरू हो गया। सरसों की फसल के फूल गिरने शुरू हो गए हैं।
जिले में रविवार को दिनभर कोहरा छाया रहा। जिसके चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवा ने वातावरण में गलन बढ़ा दी। ग्रामीण इलाकों में बड़े-बुजुर्गों की दिनचर्या अलाव के सामने सिमट कर रह गई है।
गेहूं की सिंचाई में लगे किसानों के लिए मौसम कष्ट दाई हो गया है। वहीं, इसका असर रेल व सड़क यातायात पर भी दिखा, कोहरे के चलते हाईवे पर वाहन रेंगते नजर आए साथ ही तीन प्रमुख ट्रेनें अप व डाउन किसान एक्सप्रेस व कैफियत एक्सप्रेस ट्रेन निरस्त हो गईं।
मौसम विभाग के अनुसार अभी ठंड से राहत मिलने के आसार नहीं है। एनडी यूनीवर्सिटी के मौसम वैज्ञानिक डॉ. अमरनाथ मिश्र के अनुसार रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 16 व न्यूनतम 04 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
सीएचसी मिल्कीपुर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हसन किदवई का कहना है कि हृदय रोगी एवं बुजुर्गों को हृदयाघात व अन्य बीमारियों के जोखिम से बचाने के लिए ठंड से बचने की आवश्यकता है।
खंडासा प्रतिनिधि के अनुसार किसान सियाराम यादव, संत राम, हरिश्चंद्र निवासी कटघरा ने बताया कि ठंड व कोहरे से आलू की फसल में झुलसा रोग लगने लगा है। सरसों की फसल के फूल गिरने लगे हैं।
कोंछा बाजार प्रतिनिधि के अनुसार ब्लॉक क्षेत्र के असकरनपुर के आलू किसान रवींद्र तिवारी और कोंछा के श्यामलाल ने बताया कि किसानों को आवश्यक दवाओं का छिड़काव कर अपनी फसलों की सुरक्षा करनी चाहिए।
शाहगंज प्रतिनिधि के अनुसार किसान प्रेमचंद मिश्रा, द्वारिका पांडे ने बताया कि इन दिनों खेतों में सरसों, चना, मसूर, मटर, धनिया, तिलहन ,दलहन, आदि की फसलें लगी हैं। इन फसलों में बहुत ज्यादा नमी सहने की क्षमता नहीं होती।
किसान नारायन यादव ने बताया इस मौसम में आलू की फसल में झुलसा रोग लग रहा है। किसान सुभाष तिवारी, दीनानाथ मिश्र ने बताया गेहूं की फसल में अभी कोहरा कुछ लाभ दे सकता है। सरसों में लगे फूल झड़ने से नुकसान हो सकता है।
जाना बाजार प्रतिनिधि के अनुसार बीकापुर तहसील के नयापुरा के किसान सुरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि तीन दिनों से जबरदस्त कोहरा पड़ने के कारण उनकी चार बीघे आलू की फसल में रोग लगने की शुरुआत हो गई है।
दहलवा गांव के किसान रणधीर सिंह ने बताया कि उन्होंने लगभग 25 बीघा सरसों की फसल बोई है। जिसमें मौजूदा समय में काफी फूल लगे हुए हैं दाने का सांचा भी बैठ रहा, अगर इसी तरह मौसम बना रहा तो सरसों की फसलों को काफी नुकसान पहुंच सकता है।
बीकापुर प्रतिनिधि के अनुसार बल्लीपुर निवासी टमाटर किसान जितेंद्र प्रसाद तिवारी, टमाटर बेल्ट नगर पंचायत के बिलारी माफी निवासी किसान लालमणि निषाद ने बताया कि ठंड और कोहरे के चलते टमाटर के पौधों में फूल फलने के पूर्व झड़ रहे हैं।
टमाटर के पौधे में आए छोटे-छोटे फल में कोयलिया रोग की शुरुआत हो चुकी है। बल्लीपुर निवासी सचिंद्र नाथ तिवारी तथा चांदपुर निवासी घनश्याम तिवारी ने बताया कि उनके द्वारा सरसों में आए फूल खराब हो रहे हैं।
मसौधा प्रतिनिधि के अनुसार भीषण ठंड से जनजीवन बेहाल है। ठंड जहां गेहूं की फसल के लिए संजीवनी है। तो वहीं आलू की खेती से जुड़े किसानों के चेहरे पर उदासी हैं। कोहरे व ठंड से आलू की फसल बर्बाद हो रही है।
आलू की खेती करने वाले किसान कोहरे को आलू की फसलों के लिए घातक झुलसा रोग का खतरा बता रहे हैं। मवई प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के किसान रामबरन ने बताया कि आलू दो बीघा लगाया था। सिंचाई व दवा का उचित प्रतिबंध रखने के आलू की फसल पीली पड़ रही है।
बारुन प्रतिनिधि के अनुसार आलू की फसल में झुलसा एवं पाला लगना शुरू हो गया है। साथ ही पूर्व में हुई बारिश के कारण अन्य सब्जियों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
दूसरी ओर रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं के लिए यह मौसम काफी मुफीद साबित हो रहा है। अनुकूल मौसम होने के कारण गेहूं में अधिक कल्ले व शाखाएं निकलने से अधिक पैदावार होने की संभावना है।
मिल्कीपुर कृषि रक्षा इकाई प्रभारी डॉ. अवधेश कुमार ने बताया कि झुलसा से बचाव के लिए किसान भाई कीटनाशक के साथ में कोजेब दवा का आलू में छिड़काव करें।
बीज गोदाम प्रभारी शशि प्रताप यादव ने पाला से बचाव के लिए फसलों में नमी की आवश्यकता बताते हुए कहा कि यदि फसल में नमी न हो तो हल्की सिंचाई कर पाला से बचा जा सकता है।
बीकापुर क्षेत्र के उमरनी पिपरी निवासी रामू सिंह राजेश पाठक, सूल्हेपुर निवासी शारदा वर्मा, महावा निवासी कमल कुमार शुक्ला, भगवत दयाल पांडेय, बल्ली पुर निवासी राहुल दुबे सहित कई पशुपालकों ने बताया कि कड़ाके की ठंड में पशुओं ने दूध देना कम कर दिया है।

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