90 प्रतिशत में संक्रमण के लक्षण नहीं, 347 नए केस,

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लखनऊ। चार महीने बाद शुक्रवार को राजधानी में कोरोना मरीजों का आंकड़ा तीन सौ पार कर 347 पहुंच गया। इसके साथ दो संक्रमितों की मौत हो गई। वहीं, 57 मरीज ही निगेटिव हुए, जिससे सक्रिय केसों की संख्या बढ़कर 1648 तक पहुंच गई। हालांकि, राहत की बात यह है कि इनमें से 90 प्रतिशत मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं हैं।

शुक्रवार को खाद्य रसद विभाग सचिवालय, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, डीआरएम कार्यालय में कई कर्मचारी-अधिकारी पॉजिटिव निकले। इसके बाद सभी कार्यालय सील कर दिए गए हैं। वहीं, आलमबाग स्थित आरडीएसओ कॉलोनी में 50 मामले सामने आने के बाद कॉलोनी के आने-जाने वाले सभी रास्ते सील कर आरपीएफ का पहरा बिठा दिया गया है। शुक्रवार को हजरतगंज में 28, इंदिरानगर में 23, अलीगंज में 22, आलमबाग में 20 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। संक्रमण के 1648 सक्रिय मामलों में से 1276 मरीज इस समय होम आइसोलेशन में हैं। बाकी 372 मरीज ही अस्पताल में हैं। इनमें विभिन्न बीमारियों से पीड़ितों को छोड़कर अन्य मरीजों की स्थिति सामान्य है। भर्ती मरीजों में से करीब 10 फीसदी की हालत गंभीर है।
एरा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एमएमए फरीदी भी वैक्सीन की दो डोज लगने के बाद संक्रमित हो गए हैं। जांच में पता चला कि उनके शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं बन पाई थी, जोकि एक सामान्य प्रक्रिया है। शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडी न बनने से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। फिलहाल डॉ. फरीदी का एरा में ही इलाज चल रहा है।
राजधानी में इससे पहले नवंबर में तीन सौ से ज्यादा केस मिल रहे थे। वहीं, मार्च में संक्रमण से शुक्रवार को 13वीं मौत हुई। इसके साथ लखनऊ में कुल मौतों का आंकड़ा 1199 हो गया है। वायरस की चपेट में आए केजीएमयू में तीन छात्र को लिंब सेंटर स्थित कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
स्वास्थ्य विभाग एक मरीज मिलने पर उसके संपर्क में आने वाले करीब 25 लोगों का सैंपल ले रहा है। शुक्रवार को 9821 सैंपल लिए गए। स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया कि तीन माह में सबसे ज्यादा एक दिन में 42 लोग अस्पताल में भर्ती हुए।

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