देश से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में घमासान का हल निकल गया है. चुनाव आयोग ने अखिलेश यादव के पक्ष में फैसला सुनाया और इसी के साथ साफ हो गया कि समाजवादी पार्टी अब अखिलेशवादी हो गई है. इस बीच अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि वे दिल्ली नहीं आ रहे हैं और जल्द ही लखनऊ में गठबंधन का ऐलान हो जाएगा. अखिलेश ने कहा कि गठबंधन का ऐलान एक-दो दिन में हो जाएगा. ऊधर, कांग्रेस के प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि यूपी के हित के लिए कांग्रेस सपा से गठबंधन को राजी है.
लखनऊ में होगा गठबंधन का ऐलान
लखनऊ में अखिलेश यादव ने कहा कि वे दिल्ली नहीं जा रहे हैं और जल्द ही लखनऊ में गठबंधन का ऐलान होगा. इसमें एक-दो दिन का समय लग सकता है. गौरतलब है कि अखिलेश की अगुवाई में बीजेपी के खिलाफ कई दल एक साथ आ सकते हैं. इसमें सपा, कांग्रेस, आरएलडी समेत कई दल शामिल हो सकते हैं.
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पिता मुलायम सिंह के साथ जारी तनाव पर भी अखिलेश ने बोला. यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि नेताजी मेरे पिता हैं और मैं इसे बदल नहीं सकता. अखिलेश ने कहा कि ये लड़ाई मेरे लिए जरूरी थी लेकिन ये मेरे लिए खुशी की बात नहीं है. वो मेरे पिता हैं. हमारी-उनकी लिस्ट 90 फीसदी कॉमन थी. चुनाव में समय बहुत कम है. हमें लोगों के बीच जाना है. इससे पहले, सोमवार को चुनाव आयोग का फैसला आने के बाद अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह से मिले और मीटिंग की तस्वीर ट्वीट करते हुए कहा कि साइकिल और पार्टी आगे बढ़ती रहेगी.
अखिलेश के हाथ में सपा की कमान आते ही अब यूपी में महागठबंधन की संभावनाएं भी प्रबल हो गई हैं. तमाम दलों ने बीजेपी के खिलाफ अखिलेश की अगुवाई में चुनाव में उतरने का ऐलान किया है. कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात पहले से ही चर्चा में थी. सूत्रों के अनुसार, बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस, सपा, जेडीयू, आरजेडी समेत कई यूपी की छोटी पार्टियों को साथ लेकर महागठबंधन बनाने पर भी करीब-करीब आम सहमति बन गई है. हालांकि अभी तक इसकी अनौपचारिक ऐलान नहीं किया गया है.
बीजेपी को रोकने की मुहिम
दरअसल बीजेपी को रोकने के लिए अखिलेश यादव ने ये महागठबंधन का दांव चला है. खबरों की मानें तो खुद अखिलेश की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी 403 सीटों में से 275 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. बाकी 128 सीटों पर कांग्रेस, आएलडी समेत बाकी महागठबंधन के घटक दल अपने-अपने उम्मीदवार उतारेंगे.