जल्लीकट्टू (सांड को काबू करना) आंदोलन अब हिंसक हो गया है। कुछ लोगों ने सोमवार को मरीना बीच के आइस हाउस पुलिस स्टेशन पर आग लगा दी। वहीं, मदुरै से भी हिंसक झड़प की खबर है। इससे पहले सुबह पुलिस को मरीना बीच से लोगों को हटाने में काफी मुश्किल हुई। लाठी चार्ज और आंसू गैस भी छोड़ी गई। लेकिन लोग हटे नहीं। कइयों ने सुसाइड करने की धमकी दी थी। वहीं, बीच पर आने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए। बता दें कि मरीना बीच पर हजारों प्रदर्शनकारी करीब एक हफ्ते से जमे हुए हैं।
सोमवार दोपहर पुलिस की सख्ता के बाद लोग उग्र हो गए। मरीना बीच के आइस हाउस पुलिस स्टेशन के कैम्पस में एक ग्रुप में आगजनी की। इस दौरान करीब 25 गाड़ियों बुरी तरह जल गईंं। पुलिस और इन लोगों के बीच झड़प भी हुई। पथराव में 20 पुलिस वाले जख्मी भी हुए। उधर, मदुरै के अलंगानल्लूर में प्रदर्शनों को देखते हुए भारी तादाद में पुलिस फोर्स तैनात की गई। यहां पुलिस ने लोगों को हटाने की कोशिश की। इस दौरान झड़प में कई लोग जख्मी भी हो गए। कोयंंबटूर में पुलिस ने 100 लोगों को अरेस्ट किया। यहां भी झड़प की खबरें आईं।
लोगों ने पुलिस से कहा- जबरन हटा तो समुद्र में कूद जाएंगे
सोमवार सुबह राज्य सरकार ने चेन्नई के मरीना बीच पर भारी तादाद में पुलिस तैनात किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाने की कोशिश भी की। इसमें कुछ कामयाबी भी मिली। लेकिन पुलिस बीच को पूरी तरह खाली नहीं करा पाई। सोमवार सुबह पुलिस ने लोगों से घर जाने की अपील की। पुलिस का कहना है कि जब राज्य के कई इलाकों में जल्लीकट्टू को ऑर्गनाइज किया गया है तो अब प्रदर्शन करने का कोई मकसद नहीं है। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की अपील को ठुकरा दिया। मरीना बीच पर 7 दिनों से लोग आंदोलन कर रहे हैं। इनका कहना है कि सरकार इस मामले में परमानेंट सॉल्यूशन निकाले। क्योंकि नोटिफिकेशन छह महीने बाद रद्द हो जाएगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू को जानवरों के प्रति क्रूरता बताते हुए इस खेल पर 2014 में बैन लगा दिया था। लोगों के दबाव पर खेल शुरू कराने के लिए लाए गए राज्य सरकार के ऑर्डिनेंस को 21 जनवरी को गवर्नर विद्या सागर राव ने मंजूरी दी थी।