बिहार के पटना में स्थित मुख्यमंत्री निवास पर शनिवार को काफी अफरातफरी का माहौल रहा। क्योंकि यहां एक नाबालिग बच्ची के दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के लिए लड़की के परिजनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान लोग सीएम हाउस के अंदर प्रवेश कर मुख्यमंत्री से मिलने का भी प्रयास करने लगे। लेकिन वहां मौजूद पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
दिल्ली से आईं पीपल अगेंस्ट रेप इन इंडिया की संस्थापक योगिता भयाना यहां होली के एक दिन बाद 12 साल की बच्ची का यौन उत्पीड़न करने का मामला उठाने के लिए आई थीं, उनके और पुलिस के बीच काफी तीखी नोकझोंक भी हुई।
पीड़िता के पिता और चाचा अपने पैतृक बांका जिले से आए थे और भयाना ने दोषियों को पकड़ने में स्थानीय पुलिस की अक्षमता से अवगत कराने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने का समय मांगा था लेकिन समय नहीं मिलने पर भयाना ने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री आवास तक मार्च किया।होली के एक दिन बाद अपराधियों ने 12 साल की बच्ची का यौन उत्पीड़न कर उसकी आंखें निकाल दीं थी और उसके शरीर को एक रेत के गड्ढे में दफन कर दिया था। इस मामले को परिजन सीएम आवास के बाहर जुटे थे। सीएम आवास बाहर जुटे लोगों ने अपने हाथ में पोस्टर लेकर नारेबाजी की। लेकिन हंगामा और शोर-गुल देख वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को जबरन वहां से हटा दिया।
वहीं गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों को बाद में एक पुलिस जीप में बैठा लिया और उनको सचिवालय पुलिस स्टेशन ले जाया गया। वहीं हिरासत में लिए लोगों पर इस संबंध में आगे की कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह ली जाएगी।