विवादित बुल्ली बाई एप बनाने वाले 21 साल के नीरज बिश्नोई के पिता दशरथ बिश्नोई का कहना है कि उनका बेटा होशियार है। उसके कुछ ही दोस्त हैं। साथ ही उसे लैपटॉप से चिपके रहने की आदत है। उन्होंने बताया कि 10वीं की परीक्षा में अच्छे नंबर लाने पर उसे असम सरकार की ओर से मुफ्त लैपटॉप मिला था। तब से वह उसी में चिपका रहता है। वह अपने कमरे में बंद रहता है। क्या करता है, यह हम नहीं जानते।
एक पिकअप वाहन के मालिक दशरथ विश्नोई ने बताया कि नीरज जब 11 वीं-12वीं में एक साइंस एकेडमी में पढ़ाई कर रहा था, तो उसका लैपटॉप कई बार प्रिंसिपल ने जब्त किया। लैपटॉप लेने के लिए मुझे एकेडमी जाना पड़ता था। पता नहीं वह लैपटॉप में क्या करता था। उन्होंने कहा कि एप के मामले में हम कुछ नहीं जानते। हम तो बस प्रार्थना कर रहे हैं कि वह जल्द से जल्द घर लौट आए, क्योंकि उसे अगले महीने अपने दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा में बैठना है। नीरज, वर्तमान में कम्प्यूटर साइंस का छात्र है। उसने असम के एक ईसाई मिशनरी स्कूल में शिक्षा प्राप्त की और अपनी कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में 86 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। वहीं 12 की परीक्षा में 82 प्रतिशत हासिल किया
बुल्ली बाई एप मामले में गिरफ्तार होने वाला नीरज चौथा व्यक्ति है। उसे गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। नीरज के पिता ने बताया कि दिल्ली पुलिस के तीन जवान, असम पुलिस के साथ पांच जनवरी को असम के जोरहाट स्थित उसके घर पर आए थे। अगली सुबह, वे नीरज को अपने साथ ले गए।