मुंबई. कॉमेडियन कपिल शर्मा पर अंधेरी के तहसीलदार ने एफआईआर दर्ज कराई है। एक हफ्ते में कपिल पर एफआईआर दर्ज करने का ये दूसरा मामला है। इस बार कपिल पर एन्वायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट, 1986 का वॉयलेशन करने का आरोप है। इसके तहत उनपर मैंग्रोव (दलदली इलाके के पेड़) को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। इससे पहले कपिल और इरफान खान के खिलाफ अवैध कंस्ट्रक्शन के मामले में एफआईआर हुई थी। कपिल पर ये आरोप…
- 13 सितंबर को बीएमसी ने ओशिवरा में कपिल, इरफान और एक बिल्डर समेत चार अन्य पर महाराष्ट्र रीजनल टाउन प्लानिंग एक्ट (MRTP) 1996 के सेक्शन 53 (7) के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
- अगर बीएमसी के आरोप साबित हुए, तो दोनों को एक महीने से तीन साल तक की सजा हो सकती है। 2000 से 5000 रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
- मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 13 सितंबर को ही मैंग्रोव सेल ने इलाके के 50-60 सिंगल स्टोरी बंगलों के मालिकों के रूल्स वॉयलेशन की बात को कन्फर्म किया था।
- आरोप था कि इन लोगों ने पिछले 3 सालों में वेटलैंड्स पर 10 मीटर तक अतिक्रमण कर लिया था। इसे बॉम्बे हाईकोर्ट के 2005 के रूल्स का भी वॉयलेशन बताया गया था।
क्या बोले प्रभारी तहसीलदार?
- 10 सितंबर को एक्टिविस्ट्स ने कपिल और पड़ोसियों के खिलाफ एन्वायरमेंट से जुड़े कानूनों का उल्लंघन करने की अंधेरी में शिकायत की थी। शिकायत में मैंग्रोव को नुकसान पहुंचाने की बात थी।
- प्रभारी तहसीलदार शिवाजी चौरे के मुताबिक, ‘शिकायत में मैंग्रोव सेल ने कपिल के प्लॉट पर वॉयलेशन की बात कही थी। इसके आधार पर शनिवार को मामले में एफआईआर दर्ज करा दी गई।’
- चौरे ने ये भी बताया, ‘ये बॉम्बे हाईकोर्ट के रूल्स, एन्वायरमेंट प्रोटेक्शन एक्ट का उल्लंघन है। 400 मीटर के हिस्से में मैंग्रोव को नुकसान पहुंचा है। साथ ही वैटलैंड्स के 10 मीटर अंदर तक मलबा डाला गया।’
2005 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्या कहा था?
- 2005 में बॉम्बे एन्वायरमेंट एक्शन ग्रुप नाम के एनजीओ ने हाईकोर्ट ने एक पिटीशन दायर की थी।
- इसपर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पूरे राज्य ने मैंग्रोव की कटाई पर रोक लगा दी थी। साथ ही पेड़ों की जगह से कंस्ट्रक्शन 50 मीटर दूर रखने की बात कही थी।
- 2014 में एक अन्य एनजीओ वनस्थली की पिटीशन पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने वेटलैंड्स पर किसी भी तरह के कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी थी।