अरुण जेटली ने उम्मीद जताई है कि 1 जुलाई से गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) लागू हो जाएगा। ये भारत को दुनिया के सबसे बड़े सिंगल मार्केट में बदल देगा। जीएसटी से चीजें सस्ती होंगी और टैक्स चोरी करना मुश्किल हो जाएगा।
भारत बनेगा दुनिया की सबसे तेज इकोनॉमी…
जेटली 23rd कॉमनवेल्थ ऑडिटर जनरल कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा, भारत में एक नॉन टैक्स सोसाइटी है। सरकार का बड़े नोट बंद करने का मकसद यही था कि लोग टैक्स चोरी करने से बचें और टेरर फाइनेंसिंग न हो सके।
सरकार जो रिफॉर्म्स कर रही है, उससे भारत 7-8% ग्रोथ रेट हासिल कर दुनिया की सबसे तेज इकोनॉमी बन जाएगा। हालांकि दुनिया में तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, प्राइवेट सेक्टर में इन्वेस्टमेंट और सरकारी बैंकों की हालत जैसी चुनौतियां हैं।
सरकार जो रिफॉर्म्स कर रही है, उससे भारत 7-8% ग्रोथ रेट हासिल कर दुनिया की सबसे तेज इकोनॉमी बन जाएगा। हालांकि दुनिया में तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, प्राइवेट सेक्टर में इन्वेस्टमेंट और सरकारी बैंकों की हालत जैसी चुनौतियां हैं।
जीएसटी यह सुनिश्चित करेगा कि गुड्स और सर्विसेस लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचें। साथ ही ये इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की रीढ़ बने ताकि टैक्स चोरी रोकी जा सके।
जीएसटी टैक्स पर टैक्स नहीं है
जेटली ने कहा, दुनिया में अकेला भारत ऐसा देश नहीं है जहां टैक्स की कई लेयर्स हैं। इसके चलते चीजें महंगी हो जाती हैं।
अगर एक जुलाई को जीएसटी लागू हो जाता है तो ये दुनिया का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म्स होगा। इससे टैक्स का वॉल्यूम काफी बढ़ जाएगा। इसे टैक्स पर टैक्स नहीं कहा जा सकता। इससे चीजें और सर्विस सस्ती होंगी।
बता दें कि कैबिनेट जीएसटी के लिए 4 सप्लीमेंट्री विधेयक को मंजूरी दे चुका है। इन्हें बजट सेशन में लाया जाएगा।
जेटली ने कहा, दुनिया में अकेला भारत ऐसा देश नहीं है जहां टैक्स की कई लेयर्स हैं। इसके चलते चीजें महंगी हो जाती हैं।
अगर एक जुलाई को जीएसटी लागू हो जाता है तो ये दुनिया का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म्स होगा। इससे टैक्स का वॉल्यूम काफी बढ़ जाएगा। इसे टैक्स पर टैक्स नहीं कहा जा सकता। इससे चीजें और सर्विस सस्ती होंगी।
बता दें कि कैबिनेट जीएसटी के लिए 4 सप्लीमेंट्री विधेयक को मंजूरी दे चुका है। इन्हें बजट सेशन में लाया जाएगा।
नोटबंदी पर क्या बोले जेटली?
जेटली ने मंगलवार को संसद में अमेंडमेंट फाइनेंस बिल 2017 पेश किया था। इसमें 2 लाख से ज्यादा कैश डीलिंग पर बैन लगाने की बात कही गई है।
जेटली ने कहा, “भारतीय इकोनॉमी में कैश का हिस्सा जीडीपी का करीब 12.2% है और इसमें भी 86% बड़े नोट हैं। दरअसल हमें कैश में लेनदेन की आदत है और यही हमारे लिए चुनौती भी है। सीमापार घुसपैठ, टेरर फंडिंग पर रोक लगाने के मकसद से ही 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला किया गया था।”
हमारी कोशिश इकोनॉमी के डिजिटाइजेशन करने की है। आने वाले सालों में देश की जीडीपी कहीं ज्यादा और साफसुथरी होगी।
जेटली ने मंगलवार को संसद में अमेंडमेंट फाइनेंस बिल 2017 पेश किया था। इसमें 2 लाख से ज्यादा कैश डीलिंग पर बैन लगाने की बात कही गई है।
जेटली ने कहा, “भारतीय इकोनॉमी में कैश का हिस्सा जीडीपी का करीब 12.2% है और इसमें भी 86% बड़े नोट हैं। दरअसल हमें कैश में लेनदेन की आदत है और यही हमारे लिए चुनौती भी है। सीमापार घुसपैठ, टेरर फंडिंग पर रोक लगाने के मकसद से ही 8 नवंबर को नोटबंदी का फैसला किया गया था।”
हमारी कोशिश इकोनॉमी के डिजिटाइजेशन करने की है। आने वाले सालों में देश की जीडीपी कहीं ज्यादा और साफसुथरी होगी।