इस अधिनियम के लागू होने से 6 से 14 वर्ष तक के प्रत्येक बच्चे को अपने नजदीकी विद्यालय में निःशुल्क तथा अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा पाने का कानूनी अधिकार मिल गया है । इस अधिनियम की खास बात यह है कि गरीब परिवार के वे बच्चे, जो प्राथमिक शिक्षा से वंचित हैं, उन के लिए निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान रखा गया है ।
शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने से 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को न तो स्कूल की फीस देनी होगी, न ही यूनिफार्म, बुक, ट्रांसपोर्टेशन या मीड-डे मील जैसी चीजों पर ही खर्च करना होगा । बच्चों को न तो अगली क्लास में पहुँचने से रोका जाएगा, न निकाला जाएगा । न ही उनके लिए बोर्ड परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा, कोई स्कूल बच्चों को प्रवेश देने से इंकार नहीं कर सकेगा ।
भारतीय संविधान के भाग 3 के अधीन निहित मौलिक अधिकार के रूप में अनुच्छेद (21,क) शिक्षा पाने का मूल अधिकार है
(1)- 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के प्रत्येक बच्चे को निःशुल्क प्राथमिक शिक्षा प्रदान की जायेगी
(2)- 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के प्रत्येक बच्चे को अपनी नजदीकी सरकारी विद्यालय एवं सहायता प्राप्त विद्यालय जो अपने खर्च के लिए भारत सरकार या समुचित सरकार या स्थानिय प्राधिकरण से सहायता या किसी प्रकार का अनुदान प्राप्त कर रहा हो शिक्षा पूर्ण करने तक निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार होगा और इसके लिए उसे किसी प्रकार का शुल्क या अन्य खर्चे नहीं देने होंगे।
विशेष प्राविधान
निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार2009 की धारा (4 ) विशेष प्राविधान जो कभी भी स्कुल नही गया है 6 वर्ष की आयु से अधिक किसी भी विद्याल में प्रवेश नही दिया गया है। या फिर प्रवेश दिया गया पर वे अपनी प्रारंम्भिक शिक्षा पूरी नही कर सके । वहा उस की आयु के अनुसार समुचित कक्षा प्रवेश दिया जायेगा। अतः 14 की आयु के बाद भी बालक अपनी प्रारंम्भिक शिक्षा को पूरा कर सकेगा जो की पूर्ण रूप से निशुल्क होगा।
प्रवेश सुचना
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी या जिला अधिकारी के कार्यालय में मार्च व अप्रेल तक आवेदन फार्म मिलते है निशुल्क वहाँ से प्राप्त किये जा सकते है।मार्च के महीने में राट्रीय अखबारों में भी इस की सुचना निकलती रहती है।
शिकायती कार्यवाही क्रमसः
1- बेसिक शिक्षा का अधिकारी
2- जिला अधिकारी, शिक्षा निदेश (बेसिक)
3- राज्य बाल संरक्षण आयोग ,उत्तरप्रदेश
4- केंद्रीय बाल संरक्षण आयोग ,नई दिल्ली
5- माननीय उच्च न्यायालय अनुच्छेद226 के अंतर्गत
नोटः- केसेलीक. कॉम का उपदेश है कि वो आप तक सच्ची घटना की सच्ची खबर पहुचाये और आपको आपके अधिकारों की जानकारी दे ताकि भारत के हर नागरिक को न्याय मिले १ एक कदम अपने अधिकार के लिए और एक कदम भारत निर्माणके लिए।।